Book Title: Kalikal Kalpataru Vijay Vallabhsuriji ka Sankshipta Jivan Charitra Author(s): Parshwanath Ummed Jain Balashram Ummedpur Publisher: Parshwanath Ummed Jain Balashram Ummedpur View full book textPage 2
________________ ॥ वन्दे श्री वीरमानन्द वल्लभ सद्गुरुभ्यो नमः ॥ पूज्यपाद प्रातः स्मरणीय न्यायाम्भोनिधि तपगच्छाचार्य १००८ श्रीमद्विजयानन्द सूरीश्वरजी महाराज ( प्रसिद्ध नाम श्री आत्मारामजी महाराज ) के पट्टधर अज्ञान तिमिर-तरणि कलिकाल कल्पतरु १००८ श्री आचार्य महाराज श्रीमद्विजय क्ल्लभ सूरीश्वरजी महाराज का संक्षिप्त जीवन चरित्र प्रकाशक - श्री पार्श्वनाथ उम्मेद जैन बालाश्रम, उम्मेदपुर वाया एरनपुरा ( मारवाड़ ) + मुद्रक – के० हमीरमल लूणियां जैन, अध्यक्ष – दि डायमण्ड जुबिली प्रेस, अजमेर रिनि० सं० २४६५ | ईस्वी सन् १९३८ आत्म सम्वत् ४३ विक्रम सम्वत् १९९५ प्रथमावृत्ति २००० शताब्दी सम्वत् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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