Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 3
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-१ ५०१ (२) २४ स्थानक प्रकरण-बालावबोध', मागु., गद्य, मूपू.. (गइ अजितशान्ति स्तव , आ. नन्दिषुणसूरि, प्रा., गा. ४०, पद्य, मूपू., इन्दिय) १२७७७)
(अजियं जिय) १०२७०+), १३६५७), ११३३२(१), १००२७, ३२ अनन्तकाय गाथा, प्रा., गा.५, पद्य, जै., (सव्वाउ कन)
१०११६-३, १०३००-१, १०३५२, ११२०४, ११२०५, ११२६९, १२६४९-१
१३६४५, १३६५६, १३६५८, १३६४६-१, १३७११-४११, १२१६२३५ वाणीगुण, सं., गद्य, मूपू., (संस्कारवत) १०८४२-२(4)
१६) ४५ आगम श्लोक सङ्ख्या , सं., गद्य, मूपू., (आचाराङ्ग) (२) अजितशान्ति स्तव-टीका, आ. गोविन्दाचार्य, सं., गद्य, मूपू., १३१७१-२८(+)
(अजितं अजित) ११२६९ ५८ बोल सङ्ग्रह, सं.,प्रा.,मागु., गद्य, मूपू.. (नाणेम जाणइ) (२) अजितशान्ति स्तव-बोधदीपिकाटीका, आ. जिनप्रभसूरि, सं., ९७८१-२, १२७८७६), ११९७०(5)
ग्रं.७४०, वि. १३६५, गद्य, मूपू., (अजितशान्ति) १३६५६ ५८ बोल सङ्ग्रह, मागु.,प्रा., ग्रं.१२५०, पद्य, मूपू., (नमो अरिहन) । (२) अजितशान्ति स्तव-अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (अजितं द्वि) ९५९१-२, ९७७२
१३६४६-१ (२) ५८ बोल सङ्ग्रह-बीजक, मागु., गद्य, मूपू., (-) ९५९१-१ (२) अजितशान्ति स्तव-अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (इहलोकादीनि) ६४ योगिनी स्तोत्र, सं., श्लोक ११, पद्य, वै., (ॐ दीव्य) ९५३७- १३६५८
(२) अजितशान्ति स्तव-अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (भगवति गर्ब) ८४ धर्मकथा प्रबन्ध, सं., ग्रं.३५२५, गद्य, जै., (उज्जयिन्या)
१३६५७) १२९९२-१
(२) अजितशान्ति स्तव-छन्द सङ्केत, सं., गद्य, मूपू., (-) ९९ प्रकारी पूजा, कवि पद्मविजय, मागु.,सं., वि. १८५१, पद्य, | १३६५७), ११३३२+) मूपू., (उत्तम गुरु) १०२०९
(२) अजितशान्ति स्तव-बालावबोध, गणि मेरुसुन्दर, मागु., १०८ स्नात्र विधि, मागु.,सं., गद्य, मूपू., (सोपारी १०८) १२९३६- ग्रं.४५०, गद्य, मूपू., (अजितनामा) १३६४५ ४+#)
(२) अजितशान्ति स्तव-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (अजितनाथ १७० तीर्थङ्कर नाम, सं., गद्य, मूपू.. (श्रीजयदेवस) १३१७१
जी) ११२०५
(२) अजितशान्ति स्तव-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (अजितनाथ बी) अंजनासुन्दरी हनुमान कथा, सं., श्लोक १२४, पद्य, मूपू....
१०३००-१ (वैत्ताढ्या ) १२३९२-३
(२) अजितशान्ति स्तव-छन्दयन्त्र, मागु.,प्रा., गद्य, मुपू., (-) अक्षयतृतीयापर्व कथा, सं., गद्य, मूपू., (स्वस्ति) १०१५६, १०५४४ | ११३३२(+) अक्षौहिणीसैन्य मान, सं., श्लोक १, पद्य, जै., (दशलक्षदन्त) अजितशान्ति स्तवबृहत्-अञ्चलगच्छीय, आ. जयशेखरसूरि, सं., ९६८४-२(+)
श्लोक १७, पद्य, मूपू.. (सकलसुखनिवह) १०३००-९, १०९२७(२) अक्षौहिणीसैन्य मान-टबार्थ, मागु., गद्य, जै., (दशकोडी हाथ) | ९, १०९७६, १३७११-६(), १२१६२-२२६६)
(२) अजितशान्ति स्तव-बृहत् की अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (अहं अगडदत्त चरियं, गणि देवेन्द्र, प्रा., ग्रं.३२८, ईस. ११वी, गद्य, जिन) १०९७६ मूपू., (अस्थि जए) १२३२०(4)
(२) अजितशान्ति स्तव-बृहत् का टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू.. अघटकुमार चरित्र, सं., श्लोक ६३७, पद्य, मूपू., (प्राणिनामस) (सकल भणीइं) १०३००-९ १२४८२-१(+), १२४६९
अजितशान्ति स्तवलघु-अञ्चलगच्छीय, कवि वीर गणि, प्रा., गा. अङ्गचूलिका प्रकीर्णक, प्रा., गद्य, मूपू., (नमो सुय०) ११८४३-१ ८, पद्य, मूपू.. (गब्भअवयार) १०३००-८, १०९२७-८, १३७११अङ्गस्फुरण विचार, प्रा., गा. १०, पद्य, मूपू., (ठाणं निलाड) ५), १२१६२-२३(१) १३५०४-२
| (२) अजितशान्ति स्तव-लघु का टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., अगुलसप्ततिका, आ. मुनिचन्द्रसूरि, प्रा., गा. ७०, पद्य, मूपू., (मातानइं गर) १०३००-८ (उसभसमगमणमु) १२६२३-३(+)
अजीवकल्प प्रकीर्णक, प्रा., गा. २९, पद्य, मूपू.. (आहारे उवहि) (२) अङ्गुलसप्ततिका-अवचूरि, सं., गद्य, मूपू.. (ऋषभगामिनं) १०६८९-१२, १०६९०-१२, ११८१४-१ १२६२३-३
अणसणप्रत्याख्यान विधि, मागु.,प्रा., गद्य, मूपू., (जे मे हुज) अचकारिता कथा, सं., गद्य, मूपू.. (अच्चङ्कारि) १२५३१-२
१०८३२-२(4)
३१)
९६८४-२(+)
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