Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 23
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
४५२
www.kobatirth.org
कैलास श्रुतसागर ग्रंथ सूची
१००१४३. (*) भक्तामर स्तोत्र, संपूर्ण, वि. १९२३ भाद्रपद शुक्ल, ५, गुरुवार, मध्यम, पृ. ७, ले. स्थल, कलकता, प्रले. श्राव. मंगलचंद मथेन पढ श्राव. कवरजी; श्राव. इसरचंदजी, प्र.ले.पु. सामान्य, प्र. वि. पदच्छेद सूचक लकीरें संशोधित प्रतिलेखन पुष्पिका मिटाई हुई है., ., दे., (२०.५X१०.५, ९x२३).
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
""
भक्तामर स्तोत्र, आ. मानतुंगसूरि, सं., पद्म, आदि: भक्तामरप्रणतमौलि अंतिः मानतुंग० लक्ष्मीः, श्लोक-४४. १००१४४. (*) सिद्धांत प्रश्नोत्तर संपूर्ण, वि. १९वी मध्यम, पृ. २१, प्र. वि. संशोधित, जैवे. (२१x१०.५, १०x३३). सिद्धांत प्रश्नोत्तर, मु. दोलतराय, मा.गु., गद्य, आदि: सिद्धत्थ सवसंजलया; अंति: पहिला लीधो जाणीये छइ. १००१४५. बृहत्शांति स्तोत्र तपागच्छीय, संपूर्ण, बि. २०वी मध्यम, पृ. ५, दे. (१९४९.५, ११x२४-२८)
बृहत्शांति स्तोत्र-तपागच्छीय, सं., प+ग., आदि: भो भो भव्याः शृणुत; अंतिः पूज्यमाने जिनेश्वरे. १००१४६. () पोसा विधि, संपूर्ण, वि. २०वी, मध्यम, पृ. ५. प्रले, मु. कीर्त्तिकल्लोल; पठ. श्रावि. कानाजी बाई, प्र.ले.पु. सामान्य, प्र. वि. मूल पाठ का अंश खंडित है, अक्षरों की स्वाही फैल गयी है, दे. (२१.५x१०.५, १०x२६-३२).
पौषध विधि, संबद्ध, प्रा., मा.गु., गद्य, आदि थापनाचार्य प्रथम थापी अंति: सामायिक पारै० चउपहरी, १००१४७. (*) जीवविचार प्रकरण व नमस्कार महामंत्र, संपूर्ण, वि. १९५९ वैशाख कृष्ण, २, श्रेष्ठ, पृ. १०, कुल पे. २, ले. स्थल, खिवसर, प्रले. मु. जितमल, प्र.ले.पु. सामान्य, प्र. वि. संशोधित, प्र. ले. श्लो. (५७८) यासं पुस्तकं द्रष्ट्वा, दे.. ( २२x१०.५, ४x२६ ).
१. पे नाम, जीवविचार प्रकरण सह टवार्थ, पृ. १अ १०अ संपूर्ण.
जीवविचार प्रकरण, आ. शांतिसूरि, प्रा., पद्य, वि. ११वी, आदि: भुवणपईवं वीरं नमिऊण; अंतिः संतिसूरि० सुयसमुद्दाओ, गाथा-५१.
जीवविचार प्रकरण- टवार्थ" मा.गु., गद्य, आदि त्रिणिभुवनने विषे दीवा; अंति रूप जे समुद्र तेह थक्की. २. पे. नाम नमस्कार महामंत्र सह टवार्थ पू. १०अ १०आ, संपूर्ण.
नमस्कार महामंत्र, शाश्वत, प्रा., पद्य, आदि नमो अरिहंताणं; अंति पढमं हवइ मंगलं, पद- ९.
नमस्कार महामंत्र-टबार्थ, मा.गु., गद्य, आदि: माहरो नमस्कार होज्यौ; अंति: मंगलीक छै संपतनो दातार छै. १००१४८. (+#) गौतमस्वामी रास व स्तवन, संपूर्ण, वि. १९३२, आषाढ़ कृष्ण, १०, मध्यम, पृ. ८, कुल पे. २, प्र. वि. हुंडी : गोत्रा, गोत्म०. विद्वान नाम खंडित है, संशोधित मूल पाठ का अंश खंडित है, दे. (२१.५४११, ९४२५-२८).
,
१. पे. नाम गौतमस्वामी रास, पृ. १अ ८अ संपूर्ण, पे.बि. हुंडी गोतम रा०.
उपा. विनयप्रभ, मा.गु., पद्य, वि. १४१२, आदि: वीरजिणेसर चरणकमल कमला; अंति: जै मंगलमाला समै भणै ए,
गाथा - ५०.
२. पे. नाम. गौतमजीरो स्तवन, पृ. ८आ, संपूर्ण.
गौतमस्वामी प्रभाति, मु. रूपचंद, पुहिं, पद्य, आदि मे नही जान्यो नाथजी अंति: रुपचंद० चरण चित लायो, गाथा-७, १००१४९. वैराग्यदेशना, संपूर्ण, वि. २०वी, मध्यम, पृ. ५, वे., (२२.५x१०.५, ७४१८).
व्याख्यान संग्रह *, प्रा.,मा.गु.,रा., सं., प+ग., आदि: तिथयरा गणहारी सुरवयणो; अंति : (१) पदवी० प्राप्त मान होवेगा, (२) सुख मंगलीकमाला विस्तरे.
१००१५०. (+) पद्मावती स्तोत्र, संपूर्ण, वि. २०वी, श्रेष्ठ, पृ. १०, प्र. वि. संशोधित., दे., (२१X१०, ६x२०). पद्मावतीदेवी स्तव, सं., पद्य, आदि: श्रीमद्गीर्वाणचक्र, अंतिः प्रसीद परमेश्वरि श्लोक-३०.
१००१७५ (+) अंजणासती रास, संपूर्ण, वि. २०वी, मध्यम, पृ. ५३, प्र. वि. हुंडी : अंजनारा., संशोधित., दे., (२०.५x१०, ७X२५). अंजनासुंदरी रास, मा.गु., पद्य, आदि: श्रीगणधर गौतम प्रमुख; अंति: सती रे सिरोमणि गाइये, ढाल - २२, गाथा- १६२. १००१७६ (#) अवंतिसुकुमाल रास व चेलणासती सज्झाय, संपूर्ण, वि. १८वी, मध्यम, पृ. ५, कुल पे. २, प्र. वि. अक्षरों की
फैल गयी है, जैदे. (२१.५x१०, १४४४३ ).
१. पे. नाम. अवंतिसुकमाल रास, पृ. १अ ५अ, संपूर्ण, वि. १७९५, पौष शुक्ल २ ले स्थल, घिणलाग्राम, प्रले. मु. कनकहंस; पठ. मु. खुस्यालचंद, प्र.ले.पु. सामान्य.
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610