Book Title: Jivan Shreyaskar Pathmala Author(s): Kesharben Amrutlal Zaveri Publisher: Kesharben Amrutlal Zaveri View full book textPage 6
________________ (ग) इस ग्रन्थ का प्रकाशन करने के लिये बम्बई व पालनपुर की कतिपय स्वाध्याय प्रेमी बहनें बहुत दिनों से आग्रह कर रहीं थीं इसी लिये यह द्वितीयावृत्ति छपवाई है। कागज और छपाई की महंगाई होने पर भी यह पुस्तक सिर्फ २) रु० में दी जाने की व्यवस्था की गई है। श्री जैन गुरुकुल प्रेस ब्यावर ने इसे छापने में पूर्ण सहयोग दिया है। प्रफ संशोधन आदि कार्य में पं० शान्तिलाल वनमाली सेठ ने तथा श्री जिनागम प्र० समिति के पंडितों ने पूर्ण परिश्रम किया है। श्री श्वे. स्था. जैन कॉन्फरेन्स द्वारा श्री जिनागम प्रकाशन कार्यालय चल रहा है उससे आगमों के संशोधित पाठ इसके लिये मिले हैं। इसके लिए उक्त विद्वानों को और जिनागम प्र० कार्यालय को हार्दिक धन्यवाद दिया जाता है, इतना प्रयत्न होने पर भी प्रेस से या दृष्टिदोष से कोई भूल रह गई हो तो पाठक सुधार कर पढ़े और प्रकाशक को सूचित करेंगे तो कृपा होगी और नई आवृत्ति में सुधार किया जा सकेगा। स्वाध्यायरत सब आत्माएँ स्वकल्याण प्राप्त करें यही भावना है। ज्ञान पंचमी । धीरजलाल के० तुरखिया . वि० सं० २००५ । अधिष्ठाता, श्री जैन गुरुकुल, ब्यावरPage Navigation
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