Book Title: Jinvani Sangraha Author(s): Satish Jain, Kasturchand Chavda Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya View full book textPage 6
________________ वडामारी सुभीता। १) एक रुपया प्रवेश फी जमा करादेने से हम अपने छपाये तमाम ग्रन्थ पौनी कीमत में दिया करते हैं। नवीन ग्रन्थ जब तैयार होता है वरावर १५ दिन पहिले खबर दी जाती है, जिन्हें नहीं लेना होता है उनका पत्र आनेसे नहीं भेजा जाता। अब बताइये कितना लाभ है ? आजही पत्र लिखकर ग्राहक बन जावें अगर आप स्वयं ग्राहक हों तो अपने इष्ट मित्रों को बनाने की कृपा करें। - "मनेजर"Page Navigation
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