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श्रीअभय जैन ग्रन्थमाला पुष्प नं०६
जिनराज भक्ति-आदर्श।
परम पूज्य, शान्तमूर्ति, मुनिराज श्रीकर्पूरविजयजी के शिष्य श्रीपुण्यविजय के शिष्यरत्न मुनिवर्य
श्रीप्रधानविजयजी के सदुपदेश से
सुश्रावक श्रीमान् नथमलजी भंवरलालजी
रामपुरिया के आर्थिक सहाय्य से
प्रकाशक
दानमल शंकरदान नाहटा.
नाहटों की गुवाड़, बीकानेर। प्रथमावृत्ति ( मेरु त्रयोदशी )
मूल्य सदुपयोग १००० । वीर सं० २४५८ र TOD***************************