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में दर्शनीय हैं। निकट ही वन है, जहाँ पाण्डुकशिला | लिये कटिबद्ध है । परिणामतः शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण
के लिहाज से सभी विकसित श्रेणी में आते हैं।
बनाई गई थी। दूसरी ओर अनेक मॉल्स भी यहाँ दर्शनीय हैं। सभी साधन एक ही जगह उपलब्ध होना अपने आप में गरिमामय था ।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में आज भी सड़कों की दूरियाँ मीलों में दर्शायीं जातीं हैं, किलोमीटर में नहीं। भारत से अनेक विपरीततायें और भी मजेदार हैं- जब यहाँ रात तो वहाँ दिन तो होता ही है, भारत में सडक के बायी ओर चलते हैं तो अमेरिका में दायी ओर चला जाता है, यहाँ बिजली ऑन करने के लिये स्विच नीचे करते हैं, तो अमेरिका में ऊपर करते हैं। भारत में चादर के अनुसार पैर फैलाने की प्रवृत्ति है, पर अमेरिका में पैरों के अनुसार चादर बनाई जाती है। यहाँ कर्ज लेना मजबूरी, पर वहाँ आम आदत है, क्रेडिट कार्ड उनका आवश्यक अंग है। हम त्याग की और वे भौतिक सुविधाओं की आधारशिला पर आसीन हैं। यह अलग बात है कि आज हम नासमझी में पाश्चात्य की नकल करने को लालायित हो रहे हैं, जो हमारे दुखों व तनावों का एक कारण अवश्य बन गया है, क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में वैसा भौतिकसुख तो मुश्किल है। इसके अन्य कारणों में आबादी का आधिक्य, हमारा नैतिक और राजनैतिक पतन एवं अनुशासनप्रिय नहीं होना आदि भी शामिल है ।
स्वीमिंगपूल,
दरअसल फिनिक्स अमेरिका के द्वारा डर के कारण बसाया गया ऐसा शहर है, जो चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है कि कभी यदि अमेरिका पर दुश्मनों ने बम्बार्डिंग की, तो भी फिनिक्स सुरक्षित रहेगा और अमेरिकनों के लिये सिर छिपाने की वह एकमात्र जगह होगी । फिनिक्स ऐरीजोना प्रान्त में 'डेजर्टिड', पर निकट की नदी से जल लाकर हरा-भरा, प्रदूषण रहित और खूब बिखरकर फैला हुआ है। सड़कों का सुन्दर जाल, प्रायः एक मंजिला भवन जिनमें बगीचे, स्वीमिंगपूल, गैरेज आदि सभी सुविधायें उपलब्ध रहती हैं। बढ़िया मॉल, होटेल, उत्कृष्ट एयरपोर्ट, आसपास हरे तनेवाले दर्शनीय केक्टस के जंगल और न्यूयार्क से लगभग २४६६ मील यानी ४००० किलोमीटर, हवाईजहाज से लगभग ७ घण्टे की दूरी फिनिक्स की आवादी लगभग ४ लाख जिसमें अनुमानित ८ - १० हजार भारतीय रहते हैं, इनमें सभी प्रकार के १२५ जैनपरिवारों की संख्या लगभग २५० । अमेरिका में भारत से विपरीत अनेक स्थितियाँ, जैसे लम्बे कर्ज लेकर सुविधा की हर चीज खरीदने और खूब कमाने व खूब व्यय करने की प्रवृत्ति आम है। मकान, कार, फ्रिज, लेपटॉप, कम्प्यूटर, बड़े-बड़े टी.वी. एवं विलासिता के सभी साधन २५-३० वर्षों के लिये कम दरों के ब्याज पर कर्ज यहाँ सभी आसानी से ले लेते हैं। हर आदमी काम करता है, महिलायें भी स्वावलम्बी हैं, इसलिये तलाक की प्रथा आम है। सभी आयकरदाता होते हैं। वस्तुतः अमेरिका में जगह खूब है और आबादी कम, इसिलये मनुष्य की बड़ी कीमत है और शासन प्रत्येक प्राणी की जान बचाने के
डॉ० जयकुमार जी जैन को पुत्र शोक
अ० भा०दि० जैन शास्त्रिपरिषद् के पूर्व महामंत्री एवं वर्तमान उपाध्यक्ष सुप्रसिद्ध जैन विद्वान् डॉ० जयकुमार जैन, संस्कृत विभागाध्यक्ष, एस० डी० पी० जी०) कॉलेज, मुजफ्फरनगर के युवा पुत्र इंजीनियर श्री अभिषेक जैन का 30 जनवरी 2009 को निधन हो गया है। श्री अभिषेक जैन प्रारंभ से प्रतिभाशाली रहे हैं तथा प्रत्येक परीक्षा में सभी विषयों में विशेष योग्यता प्राप्त करते रहे हैं। उनके निधन पर अनेक सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं ने अपार दुःख अभिव्यक्त किया है।
जे० पी० जैन, पूर्व प्रधानाचार्य
'जिनभाषित' - परिवार भी अपनी गहन शोक-समवेदना प्रकट करता है।
रतनचन्द्र जैन, सम्पादक
26 फरवरी 2009 जिनभाषित
कुल मिलाकर अमेरिका का पंचकल्याणक एक सर्वथा विशिष्ट आनंददायी अनुभव रहा। इससे भोग में भी त्याग की अदृभुत कथा सृजित हुई और विश्व के शक्तिशाली देश में हम पहली बार अहिंसा और इन्द्रियविजय के जैनधर्म की ध्वजा फहराने में सफल हुये । कदाचित् यह 'जैनं जयतु शासनम्' के नये अध्याय की एक आधारशिला बने।
(लेखक 'अनेकान्त' एकेडमी के अध्यक्ष और साहित्यकार हैं)
वरिष्ठ
७५, चित्रगुप्त नगर, कोटरा, भोपाल
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