Book Title: Jinabhashita 2007 04
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 19
________________ रही और केवल दो दिनों में ही हमें जैनधर्म के बारे में इतनी वीर निर्वाण संवत् 2532, विक्रम संवत् 2062, दिनांक 13, फरवरी, ज्यादा जानकारी हो गई तथा हमारी दिगम्बर जैन साधओं को। 2006 को आयोजित था। देखने की अभिलाषा पूर्ण हो गई। | 5. कुण्डलपुर (दमोह) म.प्र. अंतिम अननुबद्ध केवली श्री श्रीधर स्वामी की निर्वाणस्थली के लिए लोकप्रसिद्ध है। खजुराहो में वापस आकर, मैं और मेरे पति बहुत ही | 6. अट्ठावन दीक्षार्थियों में से पचपन बाल ब्रह्मचारिणी बहनें थी। खशी में फुलकर दूसरे विदेशियों के साथ बात करते थे। हमें | 7. कार्यक्रम में परमपूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज तथा लगा कि जैन साधुओं की संगति से हमें बहुत अच्छा अनुभव आचार्यश्री जी द्वारा दीक्षित 48 नग्न दिगम्बर जैन मुनिराज तथा हुआ और हम उस जैन दम्पत्ति के आभारी थे जिनके सहयोग 107 आर्यिका माताजी भी मंचासीन थीं। से हम कुण्डलपुर जा सके। केवल जैन धर्मावलम्बी के 8. तीर्थ वन्दना एवं पूजा।। साथ ही जैन मंदिरों में कुण्डलपुर जाया जा सकता है. 17 वहाँ 9. पूजन हेतु अष्ट द्रव्य युक्त सामग्री। 10. अष्ट द्रव्य युक्त पूजन सामग्री को अर्घ्य बोलकर वेदिका पर जाने का दूसरा कोई विकल्प नहीं है। चढ़ाते/समर्पित करते हैं। मूल अंग्रेजी लेख से हिन्दी अनुवादक 11. प्रातः काल लगभग 8-9 बजे। शांतिलाल जैन, पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर | 12. आर्यिका संघ। मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल, जबलपुर, 13.13 फरवरी को दीक्षाविधि क्रिया के दौरान ही नामकरण संस्कार सम्पर्क सूत्र- फ्लैट 7/3, नूपुर कुँज, ई-3, | किया जा चुका था। 14 फरवरी को उन नामों की सार्थक व्याख्या महावीर नगर अरेरा कॉलोनी, भोपाल-462 016 (म.प्र.) तथा धर्मोपदेश आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज द्वारा किया गया फोन : 0755-4293654, मो. 094250-06804 14. साधु 28 मूलगुण/ महाव्रतों को पालन करते हैं जबकि आर्यिकाएँ पादटिप्पण- अनुवाद की ओर से यथायोग्य मूलगुणों का पालन करती हैं तथा उपचार से महाव्रती 1. दिगम्बर जैनाचार्य सन्तशिरोमणि 108 श्री विद्यासागर जी महाराज कहलाती हैं। 15.आशीर्वाद और भी अन्य तरीकों से प्राप्त किया जाता है। 2. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र- सिद्धक्षेत्र कुण्डलगिरि-कुण्डलपुर 16.जिन्होंने रस के रूप में दूध या दूध आदि से बने पकवानों इत्यादि जी, तहसील-पटेरा, जिला दमोह, म.प्र. पिन-470773 का त्याग नहीं किया हैं, ऐसे गृहस्थ श्रावक या साधु आदि भी दूध फोन: 07605-272230,2722271 या दूध आदि से बने पकवान आदि को ग्रहण करते हैं। 3. खजुराहो, जिला-छतरपुर, मध्यप्रदेश पिनकोड-4716061 । 17.जैनधर्मावलम्बियों के साथ के बिना भी कुण्डलपुर जाया जा सकता 4. वस्तुतः कार्यक्रम एक दिवसीय ही था, जो माघ शुक्ला पूर्णिमा, | है। था। ससंघ। शाकाहारी सौ साल जिएंगे 2056 तक विज्ञान आदमी के पूरे सौ साल तक जीने के पुख्ता इंतजाम कर देगा। भविष्य का सौ वर्षीय आदमी आज के 60 वर्षीय आदमी की तरह ही चुस्त दुरुस्त होगा। न उसकी कमर झुकेगी, न दिमाग सठियाएगा और न ही उसका दिल कमजोर होगा। ये महज किसी कल्पनालोक की लंतरानियाँ नहीं हैं बल्कि वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का यथार्थ बन चुकी उपलब्धियाँ हैं। फिलहाल स्तनधारियों के जीवन-वृत्त में चालीस फीसदी का इजाफा करने के बाद वैज्ञानिकों ने आदमी के लिए ऐसे सुरक्षा-तंत्र को विकसित करने की ठान ली है, जो पूरे सौ साल तक भीतर की टूटफूट की अनवरत मरम्मत करने में कामयाब साबित होगा। इससे न केवल आदमी चुस्त-दुरुस्त बना रहेगा बल्कि 'डिंब' और 'गर्भाशय-ऊतकों' के प्रत्यारोपण के जरिये स्त्री की प्रजनन क्षमता को भी 60-70 साल तक बरकरार रखा जा सकेगा। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के प्रोफेसर डेनियल पाउली का मानना है कि हम जितना ज्यादा जीव-जंतुओं के दिमाग की भाषा पढ़ने में कामयाब हो सकेंगे, उतना ज्यादा ही हमारा मनुष्य समुदाय शाकाहार की ओर भी बढ़ता जाएगा और यह अपनी तरह की एक वैश्विक क्रांति होगी जब आदमी सौ साल जीएगा और वह भी दूसरे जीवों की हत्या किये बिना। 'कादम्बिनी' मार्च 2007 से साभार - अप्रैल 2007 जिनभाषित 17 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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