________________
5. प्रातः काल एनीमा, नीबू जल अथवा सादे गुनगुने जल से देते हैं।
6. सप्ताह में एक दिन संपूर्ण मिट्टीस्नान देते हैं ।
7. प्रतिदिन दो बार पेट पर गर्म-ठंडे तौलिये से सेंक आधे घण्टे तक देते हैं
8. सप्ताह में एक दिन बिना नमक के पानी से कुंजल क्रिया कराते हैं।
9. प्रतिदिन सुबह या शाम 3-5 कि.मी. अवश्य टहलना
चाहिए।
10. परिश्रम युक्त कार्य अवश्य करने चाहिए। 11. सप्ताह में दो बार तेल मालिश तदुपरांत मिट्टी स्नान । योगासन एवं प्राणायाम
1. सूर्य नमस्कार, उदर शक्ति विकासक, पश्मिोत्तानासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, शशांकासन, योगमुद्रा, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, मत्स्यासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, शवासन ।
2. अनुलोम विलाम, सूर्यभेदी उद्यानबंध एवं भस्त्रिका हुई 30 ग्राम चोकर दाल, मोटे आटे की एक रोटी ( 105 कैलोरी),
प्राणायाम ।
भोजन तालिका
हाथ कुटा कणीयुक्त चावल का भात 3/4 कटोरी (70 कैलोरी ), पत्ते वाली सब्जी एक कटोरी 200 ग्राम (90 कैलोरी), दही 3/4 कटोरी 100 ग्राम (60 कैलोरी) सलाद 200 ग्राम (80 कैलोरी), पकाने में घी आँवला, लहसुन तथा अंकुरित अनाज को पीस कर चटनी बनाए 50 ग्राम ( 60 कैलोरी) या तेल एक चम्मच 5 ग्राम (45 कैलोरी), अंकुरित अनाज 25 ग्राम (56 कैलोरी), नारियल, धनिया ।
कैलोरी संतुलन बनायें। मोटापा कम करने के लिए भोजन का पूर्णतया परित्याग हानिकारक है। उपवास के बाद भोजन शुरु करने पर मोटे लोग ज्यादा खाकर वजन दो गुनी रफ्तार से बढ़ा लेते हैं। कुछ लोग गलत तरीके से डायटिंग करके कुपोषणजन्य शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। डायटिंग के विभिन्न तरीकों जैसे वन डायमेन्शनल या मानोडायट विधि के अन्तर्गत जैसे फल ले रहे हैं तो सिर्फ फल लिया जाता है वह भी एक समय एक प्रकार का फल इसके साथ अनाज वगैरह नहीं लिया जाता है। लगातार वन डायमेन्शनल डायटिंग से मांसपेशियों में प्रोटीन की कमी से उनका क्षय होने लगता है। भूख, वोरियत तथा पेट संबंधी अन्य विकार उत्पन्न होते हैं। कम कार्बोहाइड्रेट, अधिक प्रोटीन या तरल प्रोटीन डायट डायटिंग के अंतर्गत कार्बोहाइड्रेट तथा वसारहित तथा अधिक प्रोटीन वाला आहार दिया जाता है। इसके दुष्प्रभाव से कुपोषण जन्य बीमारियाँ कमजोरी, मानसिक अस्थिरता तथा एकाग्रता की कमी आदि लक्षण दिखते हैं। हाइफाइबर डाइट डायटिंग के अंतर्गत प्रचुर रेशे वाले खाद्य पदार्थ जैसे छेमी, फली, सब्जियों, फलों तथा अनाजों का सेवन कराया जाता है। इस प्रकार डायटिंग काफी हद तक वैज्ञानिक एवं सुरक्षित है, परन्तु ज्यादा रेशेवाले खाद्यपदार्थ लेने से गैस तथा बदहजमी हो जाती है।
वसाजनित कम कैलोरी वाला कण्ट्रोल्ड डायटिंग सर्वाधिक सुरक्षित एवं वैज्ञानिक प्रयोग हैं। इसे वर्षों तक निभाकर स्थाई रूप से वजन कम किया जा सकता है। इसमें सभी प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते हैं, परन्तु कैलोरी 1200 1500 तक सीमित रखी
जाती है। यह आहार योजना 6-18 सप्ताह तक लगातार निभाने से मनोवांछित फल प्राप्त किया जाता है। 1200 कैलोरी वाली आहार योजना
मोटे लोग कार्बोहाइड्रेट तथा वसा वाले आहार कम से कम लें। इन्हें 60-100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 40-50 ग्राम प्रोटीन तथा 10-15 ग्राम वसा वाले आहार लेने चाहिए। भोजन में दूध दही, या छाँछ अवश्य लें।
आहार व्यवस्था इस प्रकार रखें
1. प्रातः काल खाली पेट 3 गिलास जल पीकर, शौच निवृत्ति हेतु जाएँ आसन या सैर करने के पूर्व एक नीबू (25 ग्राम), एक गिलास गर्म पानी, 20 ग्राम गुड़ का शर्बत ले (16+64
80 कैलोरी) आसन तथा सैर के बाद नाश्ते में पपीता 250 ग्राम (80 कैलोरी) एक गिलास छाँछ (60 कैलोरी), मुनक्का 10 ग्राम (30 कैलोरी) 170 कैलोरी लें।
2. दोपहर के भोजन में पालक के रस में दो घंटे पूर्व गूँथी
Jain Education International
=
3. 3:00 बजे- मौसमानुसार संतरा 150 ग्राम (72 कैलोरी) टमाटर 300 ग्राम ( 60 कैलोरी) या अमरूद 150 ग्राम (77 कैलोरी) या अनार 250 ग्राम (98 कैलोरी) या सेव 150 ग्राम (90 कैलोरी) या आलूबुखारा 150 ग्राम (77 कैलोरी) या पपीता 200 ग्राम (64 कैलोरी) ।
4. 4:30 बजे- सब्जियों का सूप (45 कैलोरी) अथवा 75 ग्राम दही में 125 ग्राम पानी मिलाकर 200 ग्राम छाँछ (45 कैलोरी) अथवा नारियल का पानी 200 मिली. (50 कैलोरी ) ।
5. सायंकालीन भोजन (6-7) बजे एक रोटी 30 ग्राम (105 कैलोरी), सब्जी 200 ग्राम (80 कैलोरी) दही 100 ग्राम (60 कैलोरी), सब्जी 100 ग्राम (20 कैलोरी), पकाने के लिए घी या तेल एक चाय चम्मच 5 ग्राम (45 कैलोरी), चटनी 50 ग्राम ( 60 कैलोरी)
6. 9:30 बजे- एक कप दूध 150 मिली. (90 कैलोरी ) । भाग्योदय तीर्थ प्राकृति चिकित्सालय
सागर (म.प्र.) - मई 2002 जिनभाषित 21
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org