Book Title: Jinabhashita 2002 05
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 32
________________ भारतीय संस्कृति के सम्पूर्ण क्षेत्रों में निर्धारित किया जा सकता है। | किया गया एवं भगवान् आदिनाथ स्वामी के चित्र के समक्ष दीप संगोष्ठी में जबलपुर से पधारे प्रथम वक्ता श्री सतीश जैन | प्रज्जवलन का कार्य समारोह के मुख्य अतिथि श्रेष्ठी श्री भंवरलाल 'नवल' ने जैन संस्थाओं एवं तीर्थों की स्थिति के विषय में अपने | जी सरावगी द्वारा सम्पन्न हुआ। संस्थान के अध्यक्ष श्री गणेश आलेख का वाचन किया। प्रथम सत्र में 5 आलेखों का वाचन | कुमार राणा द्वारा आगन्तुक सभी अतिथियों व उपस्थित महानुभावों किया गया, जिनमें ब्र. धर्मेन्द जैन, उदयपुर (राजस्थान), कु. का हार्दिक स्वागत व अभिनन्दन किया गया। तत्पश्चात् अध्यक्ष रजनी जैन, छतरपुर, श्रीमती डॉ. अल्पना जैन, ग्वालियर एवं डॉ. | श्री गणेश कुमार राणा, मानद मंत्री महावीर प्रसाद पहाड़िया एवं राजुल जैन, टीकमगढ़ ने आलेख वाचन किये। पठित पत्रों की | प्रबन्ध समिति के अन्य सदस्यों द्वारा समारोह के अध्यक्ष माननीय समीक्षा डॉ. रतनचन्द्र जैन, भोपाल एवं डॉ. भागचन्द्र भागेन्दु ने | श्री रामदास जी अग्रवाल (भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद). की। मुख्य अतिथि डॉ. जीवनलाल जैन ने अपने उद्बोधन में पं. मुख्य अतिथि श्रेष्ठी भी भंवरलाल जी सरावगी, विशिष्ट अतिथि पन्नालाल की 72 वर्षीय निःस्वार्थ साहित्यिक एवं शैक्षिक सेवाओं | जयपुर के सांसद श्री गिरधारी लाल भार्गव एवं अन्य विशिष्टजनों का उल्लेख करते हुए उन्हें रामायण के नि:स्वार्थ सेवक हनुमान की | का तिलक, माल्यार्पण एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। उपमा दी। छात्रावास को अपनी उल्लेखनीय सेवाएँ देने एवं उच्चस्तरीय 29 मार्च को प्रात: 9 बजे से द्वितीय सत्र आयोजित किया | विद्वान तैयार करने में अपना अमूल्य योगदान देने के लिये संस्थान गया। इसमें पं. मूलचन्द लुहाड़िया, किशनगढ़ ने अध्यक्ष एवं | द्वारा अधिष्ठाता श्री रतनलाल जी बैनाड़ा एवं संस्थान के निदेशक कुण्डलपुर क्षेत्र कमेटी के वरिष्ठ सदस्य वीरेश सेठ ने अतिथि का | डॉ. शीतलचन्द्र जी जैन का तिलक, शाल, माला व चाँदी का आसन ग्रहण किया। इस सत्र में कु. श्वेता जैन छतरपुर, रजनीश | प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मान किया गया। शुक्ल उदयपुर, कु. अमिता जैन सागर, कु. शशिकिरण जैन पन्ना संस्थान के 5 वर्ष के पाठ्यक्रम को पूरा कर जो छात्र (शोधछात्रा) श्रीमती कल्पना जैन जबलपुर और डॉ. दीपक जैन | श्रमण संस्कृति रक्षक विद्वान के रूप में तैयार हुए हैं, उन सबका टीकमगढ़ ने अपने आलेखों का वाचन किया। भी संस्थान द्वारा चाँदी से निर्मित प्रशस्तिपत्र, शाल व प्रतीक चिह्न दोपहर को अन्तिम (तृतीय) एवं समापन सत्र 2 बजे | भेंट कर स्वागत किया गया। श्री उत्तमचन्द जी पांड्या द्वारा ग्रन्थ आरंभ हुआ। इसमें डॉ. नीलम जैन दमोह, डॉ. हेमलता जोहरापुरकर | भेंट किए गए। विदा होने वाले छात्रों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय नागपुर, डॉ. संगीता मेहता इन्दौर, डॉ. नरेन्द्रकुमार जैन टीकमगढ़, | आने वाले छात्रों को श्री चन्द्रकांत, हीराचन्द्र शाह बारामती द्वारा शोधछात्रा कु. रश्मि जैन बीना एवं डॉ. सत्येन्द्र जैन सागर ने | पुरस्कार देने की घोषणा की गई। सम्मान व अभिनन्दन समारोह आलेखों को प्रस्तुत किया। आलेख वाचन के बाद विनयांजलि | के पश्चात् उपअधिष्ठाता श्री राजमल बेगस्या ने संस्थान का पंचवर्षीय सभा आरंभ हुई, जिसमें अनेक वक्ताओं ने श्रद्धेय पं. जी के प्रति युग प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें 5 वर्ष की संस्थान की सभी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष सिंघई | तरह की गतिविधियों का विस्तृत लेखा-जोखा दिया गया। संतोषकुमार जैन, पं. मूलचन्द लुहाड़िया, प्रकाशचन्द्र नैनधरा एवं । इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा "पंचवर्षीय युग चौधरी रूपचन्द्र आदि सभी उपस्थित सज्जनों ने सामूहिक रूप से प्रतिवेदन" स्मारिका का विमोचन भी करवाया गया। मंचासीन पुण्यस्थल पर उपस्थित हो श्रद्धासुमन समर्पित किए। अतिथिगणों द्वारा अपने उद्बोधन में संस्थान की प्रगति की मुक्त कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संयोजन डॉ. राकेश जैन, सागर कंठ से प्रशंसा की गई। विशिष्ट अतिथि श्री गिरधारी लाल जी एवं संचालन डॉ. अजितकुमार जैन, सागर ने किया। यद्यपि आभार भार्गव सांसद ने अपने कोटे से पूर्व में ही 6 लाख रुपये देकर प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया, किन्तु उपस्थित संस्थान के सामने गन्दे नाले को पाटने की स्वीकृति प्रदान की थी। महानुभावों, प्रतिभागियों एवं सहयोगियों ने ऐसे कार्यक्रम को प्रति इस राशि में यह कार्य अधूरा रह जाने पर और धनराशि उपलब्ध वर्ष आयोजित करते रहने की आवश्यकता को महसूस किया। करवाने का आश्वासन दिया। समारोह के अध्यक्ष श्री रामदास जी श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, अग्रवाल संस्थान के उद्देश्यों से काफी प्रभावित हुए और इसे देश की अद्वितीय संस्था बताते हुए हर संभव सहयोग देने का आश्वासन सांगानेर द्वारा संचालित आचार्य ज्ञानसागर दिया। छात्रावास का पंचवर्षीय युग समारोह सम्पन्न | दिगम्बर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार जी जयपुर, 24 मार्च। सराकोद्वारक उपाध्यक्ष मुनिश्री 108 | सेठी ने भी संस्थान के कार्यों की प्रशंसा की। मंच संचालन डॉ. ज्ञानसागर जी महाराज के ससंघ पावन सान्निध्य में संस्थान द्वारा शीतलचन्द्र जी जैन ने किया। अन्त में उपाध्यक्ष मुनिश्री108 संचालित आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास का पंचवर्षीय युग समारोह | ज्ञानसागर महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि सैंकडों प्रतिष्ठाएँ आयोजित किया गया। करवाने के बजाए एक विद्वान तैयार करने में अधिक पुण्य प्राप्त समारोह का प्रारंभ छात्रावास के छात्रों द्वारा मंगलाचरण से | होता है। उन्होंने संस्थान द्वारा आयोजित इस पंचवर्षीय युग सम्पन्न 30 मई 2002 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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