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खाद्य पदार्थों पर चिह्न बनाना अनिवार्य
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 'भारत के राजपत्र' (असाधारण, 20 दिसम्बर 2001) में सा. का. नि. 908 (अ) क्रमांक पर अधिसूचना प्रकाशित कराई गई है, जो 'खाद्य अपमिश्रण निवारण (नवां संशोधन) नियम, 2001' नामक नियम शाकाहारी खाद्य पदार्थों से संबंधित है। इसमें 'शाकाहारी खाद्य को भी परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार अब शाकाहारी खाद्य के प्रत्येक पैकेज पर खाद्य पदार्थ के नाम या ब्राण्ड नाम के बिल्कुल निकट मुख्य प्रदर्शन पैनल पर हरे रंग (ग्रीन कलर) से प्रतीक चिह्न बनाया जायेगा । वृत्त के व्यास से दुगने किनारे वाली हरे रंग (ग्रीन कलर ) की बाह्य रेखा वाले वर्ग के भीतर हरे रंग से भरा हुआ वृत्त बनाया जाएगा, जिसके कारण वह खाद्य पदार्थ शाकाहारी खाद्य है, यह जाना-समझा जा सकेगा। 20 जून 2002 से प्रभावशाली होने वाले इस नियम में यह प्रतीक चिह्न . हरे (ग्रीन कलर) से बनाया जाएगा।
स्मरणीय है कि इससे पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय , नई दिल्ली ने 'भारत के राजपत्र' (असाधारण, 4 अप्रैल 2001) में सा. का. नि. 245 (अ) अधिसूचना प्रकाशित कराई थी। इस अधिसूचना में 'खाद्य अपमिश्रण निवारण (चौथा संशोधन) नियम, 2000' रूप में मांसाहारी खाद्य पदार्थ को परिभाषित करते हुए स्पष्ट किया गया था कि “जिसमें एक संघटक के रूप में पक्षियों, ताजे जल अथवा समुद्री जीव-जन्तुओं अथवा अंडों सहित कोई समग्र जीव-जन्तु या उसका कोई भाग अथवा जीव-जन्तु मूल का कोई उत्पाद अन्तर्विष्ट होगा तो वह 'मांसाहारी खाद्य माना जाएगा, किन्तु इसके अन्तर्गत दूध या दूध से बने हुए पदार्थों को मांसाहारी खाद्य नहीं माना जावेगा। वह पदार्थ मांसाहारी खाद्य है, इस हेतु प्रत्येक पैकेज पर खाद्य पदार्थ के नाम या ब्राण्ड नाम के बिल्कुल नजदीक मुख्य प्रदर्शन पैनल पर वृत्त के व्यास से दुगने किनारे वाली बाह्य रेखा वाले वर्ग के भीतर एक वृत्त होगा, जो भूरे रंग (ब्राउन कलर ) का होगा।
ध्यातव्य है कि आम उपभोक्ता वर्ग को खाद्य पदार्थ खरीदते समय अब मांसाहारी खाद्य पदार्थ पर भूरे रंग (ब्राउन कलर) वाला तथा शाकाहारी खाद्य पदार्थ पर हरे रंग (ग्रीन कलर) वाला प्रतीक चिह्न देखकर खरीददारी करनी होगी। दोनों प्रकार के खाद्य पदार्थों पर प्रतीक चिह्न एक-सा ही बना होगा, मात्र भूरे रंग (ब्राउन कलर) एवं हरे रंग (ग्रीन कलर) की भिन्नता ही उनके मांसाहारी या शाकाहारी खाद्य होने का अंतर करा सकेगी।
मांसाहारी या शाकाहारी खाद्य पदार्थों में यह प्रतीक चिह्न मूल प्रदर्शन पैनल पर विषम पृष्ठभूमि वाले पैकेज पर तथा लेबलों, आधानों (कन्टेनर्स), पम्पलेट्स, इश्तहारों या किसी भी प्रकार के प्रचार माध्यम आदि के विज्ञापनों में उत्पाद के नाम अथवा ब्राण्ड नाम के बिल्कुल नजदीक प्रमुख रूप से प्रदर्शित करना होगा। विनिर्माता, पैककर्ता अथवा विक्रेता को प्रचार माध्यमों में 100 सें.मी. वर्ग तक 3 मि.मी. न्यूनतम व्यास आकार वाले; 100 से 500 सें.मी. वर्ग तक 4 मि.मी., 500 से 2500 सें.मी. वर्ग तक 6 मि.मी. एवं 2500 सें.मी. वर्ग से ऊपर मूल प्रदर्शन पैनल क्षेत्र वालों पर 8 मि.मी. न्युनतम व्यास आकारवाले प्रतीक चिह्न का निर्माण उचित स्थान पर कराना होगा।
उपभोक्ता वर्ग से अपेक्षा की जाती है कि खाद्य पदार्थ खरीदते समय इस भूरे रंग (ब्राउन कलर) या हरे रंग (ग्रीन कलर) वाले प्रतीक चिह्नों को देखकर ही खाद्य पदार्थ खरीदें। जिन उत्पादकों आदि ने ये चिह्न अपने उत्पादों पर नहीं बनाये हों, उन्हें चेतावनी देवें तथा सक्षम अधिकारियों को भी अपनी शिकायत दर्ज कराकर अपने अधिकारों की सुरक्षा किये जाने की माँग प्रस्तुत करें। साथ ही केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, 150-ए, निर्माण भवन, नई दिल्ली के पते पर लिखकर मांसाहारी एवं शाकाहारी खाद्य पदार्थों पर रंगों की भिन्नता के बावजूद भी चिह्न की समानता होने से उपभोक्ता वर्ग के भ्रमित होने की संभावना का ज्ञान कराते हुए 'मांसाहारी खाद्य' (NON VEGETARIAN FOOD)या शाकाहारी खाद्य(VEGETARIAN 1OOD) हिन्दी/अंग्रेजी में भी प्रतीक चिह्न के साथ ही अनिवार्य रूप से लिखे जाने की माँग प्रेषित करें।
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