Book Title: Jainology Parichaya 03
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 15
________________ (७) छह आभ्यंतर तप - १) प्रायश्चित्त २) विनय ३) वैयावृत्य ४) स्वाध्याय ५) कायोत्सर्ग (व्युत्सर्ग) ६) ध्यान (८) छह बाह्य तप १) अनशन २) ऊनोदरी ३) भिक्षाचर्या ४) रसपरित्याग ५) विविक्तशय्यासन ६) कायक्लेश (९) श्रावकाचार (अ) श्रावक के बारह व्रत (श्वेताम्बर)(१) पाँच अणुव्रत - १) स्थूल-प्राणातिपात-विरमण-व्रत २) स्थूल-मृषावाद-विरमण-व्रत ३) स्थूल-अदत्तादान-विरमण-व्रत ४) स्थूल-मैथुन-विरमण-व्रत ५) परिग्रह-परिमाण-व्रत (२) तीन गुणव्रत - ६) दिग्वत ७) भोगोपभोग-परिमाण-व्रत ८) अनर्थदण्डविरति-व्रत (३) चार शिक्षाव्रत ९) सामायिक-व्रत १०) देशावकाशिक-व्रत ११) पौषध-व्रत १२) अतिथिसंविभाग-व्रत (ब) ग्यारह प्रतिमा (दिगम्बर) - १) दर्शन-प्रतिमा २) व्रत-प्रतिमा ३) सामायिक-प्रतिमा ४) प्रोषध-प्रतिमा ५) सचित्तत्याग-प्रतिमा ६) रात्रिभोजनत्याग-प्रतिमा ७) ब्रह्मचर्य-प्रतिमा ८) आरम्भत्याग-प्रतिमा ९) परिग्रहत्याग-प्रतिमा १०) अनुमतित्याग-प्रतिमा ११) उद्दिष्टत्याग-प्रतिमा **********

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