Book Title: Jainology Parichaya 03
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 31
________________ पुरुष प्रथम पुरुष सर्वनामसहित भूतकाल के क्रियापद क्रियापद : पास (देखना) एकवचन (अहं) पासित्था । (मैंने देखा ।) (तुम) पासित्था । (तूने/तुमने देखा ।) (सा) पासित्था । (उसने देखा ।) द्वितीय पुरुष अनेकवचन (अम्हे) पासिंसु । (हमने देखा ।) (तुम्हे) पासिंसु । (तुमने/सबने देखा ।) (ते) पासिंसु । (उन्होंने देखा ।) तृतीय पुरुष निम्नलिखित प्राकृत वाक्यों का क्रियापद, पुरुष और वचन पहचानिए । १) अहं मोरस्स चित्तं पासित्था । मैंने मोर का चित्र देखा। उदा. क्रियापद 'पास' - प्रथमपुरुष, एकवचन २) अम्हे दुद्धं पीविंसु । हमने दूध पीया । ३) तुम कत्थ उवविसित्था ? तू कहाँ बैठी थी ? ४) तुम्हे किं सिक्खिसु ? तुमने क्या सीखा ? ५) सो रुक्खाओ पडित्था । वह झाड से गिरा । ६) ते वणं गच्छिंसु । वे वन में गये । ७) रावणो तवं करित्था । रावणने तप किया । ८) अम्हे उवस्सए धम्मं सुणिंसु । हमने उपाश्रय में धर्म सुना । ९) रयणं समुद्दम्मि पडित्था । रत्न समुद्र में गिर गया ।

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