Book Title: Jainology Parichaya 01
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 13
________________ ७. दान (जैनत्व की झाँकी - पाठ १२) १) दान का महिमा किस प्रकार बताया गया है ? (शिक्षक समझाए । प्रश्न नहीं पूछा जाएगा ।) २) भ. महावीर ने मुनिजीवन के स्वीकार के पहले कितने कालतक, कितना दान किया ? (एक वाक्य) ३) जैन-धर्म में दान के चार प्रकार कौनसे बताएँ हैं ? (एक वाक्य) ४) सच्चे साधुओं को आहारदान देने से कौनसा फल मिलता है ? (एक वाक्य) ५) एक हिंदी कहावत के अनुसार ‘पहला सुख' कौनसा है ? ६)'ज्ञानदान' की तुलना किससे की गयी है ? (एक वाक्य) ७) ज्ञान और दया के बारे में भ. महावीर ने क्या कहा है ? (प्राकृत वाक्य दीजिए ।) ८) अभयदान' का अर्थ लिखिए । (एक वाक्य) ९) दानशूरता के तौर पर जैन कथासाहित्य में कौनसे तीन व्यक्ति प्रसिद्ध हैं ? १०) भ. महावीर के अनुसार दुःखी को देखकर क्या करना चाहिए ? (एक वाक्य) ११) जैन-धर्म के अनुसार क्या गरीबी ईश्वरीय दंड है ? (शिक्षक सात-आठ वाक्यों में समझाए । प्रश्न नहीं पूछा जाएगा ।) ********** ८. भोजन का विवेक (जैनत्व की झाँकी - पाठ १३) १) भारत के प्राचीन शास्त्रकारों ने भोजन के संबंध में कौन-कौनसे नियमों का विधान किया है ? (सात-आठ छोटे-छोटे वाक्य शिक्षक लिखकर दें ।) २) जैन-धर्म में रात्रिभोजन का निषेध क्यों किया गया है ? (सात-आठ छोटे-छोटे वाक्य शिक्षक लिखकर दें।)

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