Book Title: Jainology Parichaya 01
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 27
________________ ७) भुंज - खाना । अहं भोयणं भुंजामि । - मैं खाना खाता हूँ । ८) रम - रमना । अम्हे उज्जाणे रमामो । - हम उद्यान में रमते हैं । ९) खिव - फेंकना । कंदुयं खिसि । - • तू गेंद फेंकता है । १०) कील - खेलना, क्रीडा करना । तुम्हे संझाए कीलह । - तुम संध्यासमय में खेलते हो । ११) आगच्छ - आना । रामो वणाओ आगच्छइ । - राम वन से आता है । १२) पुच्छ - पूछना | छत्ता आयरियं पुच्छंति । • विद्यार्थी आचार्य से पूछते हैं । - १३) निव जणा गिहे निवसंति । - लोग घर में रहते हैं । - निवास करना । १४) हो - होना । जिणाणं वयणं असच्चं न होइ । - जिनदेवों का वचन असत्य नहीं होता । १५) नम - नमस्कार करना । अम्हे महावीरं वंदामो । - हम महावीर को वंदन करते हैं ।

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