Book Title: Jainology Parichaya 01
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 16
________________ ११. अनेकान्तवाद (जैनत्व की झाँकी - पाठ २३) १) 'अनेकान्तवाद' शब्द का सामान्य अर्थ लिखिए । (एक वाक्य) २) 'अनेकान्तवाद' का केवल एक शब्द में अर्थ समझाइए । (एक वाक्य) ३) कौनसे दो सिद्धान्तों को एक सिक्के के दो पहलू माने हैं ? (एक वाक्य) ४) अनेकान्तदृष्टि को भाषा में उतारने को क्या कहते हैं ? (एक वाक्य) ५) वस्तुस्वरूप के चिंतन करने की विशुद्ध और निर्दोष शैली कौनसी है ? (एक वाक्य) ६) 'वस्तु अनंत-धर्मात्मक है', फल के उदाहरण से समझाइए । (पाँच-छह छोटे-छोटे वाक्य) ७) प्रत्येक वस्तु में कौनसे तीन गुण स्वभावत: रहते हैं ? (एक वाक्य) ८) सोने के उदाहरण से त्रिपदी समझाइए । (चार-पाँच वाक्य) ९) कौनसी अपेक्षा से हर एक वस्तु नित्य है और कौनसी अपेक्षा से अनित्य है ? (एक वाक्य)

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