Book Title: Jain Yug 1931
Author(s): Harilal N Mankad
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 157
________________ al. १५-११-39 - युग - १७3 શ્રી જૈન ક્ષેત્ર કોન્ફરન્સના ઠરાવોનું સમર્થન. सिडा२ ता. ११-१०-३१ २वीवा२. श्री महाराष्ट्रीय जैन श्वे. कॉन्फरन्स अधिवेशन ४y. રા. રા. શ્રીમાન વડોદરા સ્ટેટના ન્યાયમંત્રી (जूनर) ९-२-१९३०. સાહેબની હજુરમાં ઠે. લહેરીપુરા રેડ, ન્યાયમંદીર. ठराव ३. अखिल भारतीय जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्सचें श्री431४२२. (शुभरात) अधिवेशन जूनर शहेरमा थयुं तेमां पास थएला ठरावो साथे અમો સિહોર જેન સંધના નીચે સહી કરનારાઓ मा ७५२था पीछाने श्रीमान प रत आ कॉन्फरन्स सहमत छे. अने ते ठराबोनो अमल करवानो इया १६२ ५४ामा मापेक्ष २ सन्यास प्रति ५५ आ कॉन्फरन्स महाराष्ट्रना जैन बंधुओने आग्रहपूर्वक भला २-11 देशने मे रिवाये छीमे सोते समयमा मण करे छे. ધટના સુધારા વધારા સુચવી. શ્રી જેન વેતાંબર કૅન્ફરન્સ तथा क्षi सयामा पारेर तेने भी संपूर्ण श्री आत्मानंद जैन महासभा-पंजाब-अधिवेशन १० समत छाये. भीती स. १६८७ ला६२२॥ १६ ०)) २वाया२. मुं झीरा २८-२९-३० सितम्बर १९३०. ता. स६२. शडीमा. ठराव ९. श्री आत्मानंद जैन महासभा का यह शा. ननय सायनी सही पोताना. वार्षिक अधिवेशन ऑल इन्डीया जैन कॉन्फरन्स ( All શા. રતીલાલ નંદલાલની સહી દા. પિતાના. या 10 त्रीस सहीगी. India Jain Conference ) के पास किये हुए प्रस्तावों का अनुमोदन करता है और श्री संघ पंजाब के प्रत्येक साता . १५-१०-१४३१. व्यक्ति से जोरसे अपील करता ह कि इन प्रस्तावों पर हर ગઈ કાલે અત્રે જેને શુભેચ્છક મંડળની મીટીંગમાં प्रकार से सहानुभूति प्रगट करते हुए उन पर अमल करने “ચેના ઠરાવ પાસ કરવામાં આવ્યા હતા. को कोशीश करें......... ૧ સંન્યાસ દીક્ષા પ્રતિબંધક નિબંધ વડોદરા સરકાર તરફથી બહાર પાડવામાં આવેલા છે. તેમાં જેન વેતાંબર श्री जैन श्वे. कॉन्फरन्स मारवाड प्रांतिक समिति का કૅન્ફરજો સુચવેલા સુધારા વધારાને આ મંડળ સંપૂર્ણ है। आपे. अधिवेशन ता. १५-१२-३० श्री वरक गा तीर्थ. ૨ સદરહુ બાબતમાં જેન વેતાંબર કૅન્ફરન્સને ટકે આપ- ठराव १२. आज जैन श्वे. प्रांतिक कॉन्फरन्स मु. पाना आमा ने स६५४२या में सही। ४॥ भने वरकाणे में एकत्रित हो सर्वानुमत से प्रस्ताव करती है कि આ મંડળ અભિનંદન આપે છે. ૩ સોસાઈટીને આગેવાનો તેમજ ગામના કેટલાક જીના आज कालकी आयोग्य दिक्षा प्रवृत्तिने समाज में क्लेश फैला विधाना स६७२य तथा २-सने । मापनार रखा है इसलिए ऐसी अयोग्य दिशा को यह सभा निषेध भन्यो ७५२ अयो२५ ५ शापी सही। पाछ करती है, और प्रत्येक गांव के नेताओं को ऐसे कायों को यावाने प्रयास यात समतशत रोकने का अनुरोध करती हैं. વખોડી કાઢે છે કે આવા કૃત્ય સામે સખત અણગમે નહર કરે છે. श्री फलौधी तीर्थ में जैनो कि विराट् सभा आशो ४ यजमेन्सर सोसायटी- मा. शामा 302ी बदि १० मंगळवार १९८७. સંસ્થાએ કૅન્ફરન્સ જેવી જુની અને મોભાદાર તેમજ વિચારશન સંસ્થાને "હિષ્કાર કરવા કરવા જે प्रस्ताव-आजकी सभा यह प्रस्ताव पास करती है धृष्टता शांते सामे मा भापताना भगत कि जो कानुन बडोदरा राज्यमें बनाया जाता है (बाल दिक्षाका) અણગમે જાહેર કરે છે. उसमें निम्नि लिखित सुधारा और होना चाहोये. “ यदि Vardhman G. Shah, m. B. B. S. दिक्षा लेनेवाला नाबालीग होवे तो उसके माता पिता स्त्री Chairman J. S. Mandal. आदि या संरक्षक उसको लिखित सम्मति दे देवे तथा श्री रायन५२ 2 युध्य भागना प्रभुमी वहांका श्री संघ आज्ञा दे देवे और मैजीस्ट्रेटसे सर्टीफाइ તરફથી વડોદરા રાજયને ન્યાય મંત્રી સાહબ પર “ચેનો तारना संश। भाजपामा भाग.Copy Telegram: कराकर दिक्षा दीइ जावे तो वह कानुन उसपर लागु नहीं Mandal welcomes Diksha Pratibandhak Ni. होना चाहीये." यह सभा श्री श्वेतांबर जैन कॉन्फरन्स bandh and requests embodiment of changes बम्बई के प्रस्तावको टेका देती हुई नामदार गायकवाड सरकारसे suggested dy Jain Swetamber Conference. अनरोध करती है कि उस कानुनमें उपर लिखे मुजब सुधारा President Jain Uvakodaya Manilal. करनेकी कृपा करे.

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