Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 04
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 5
________________ B पृष्ठ २ १४ ૪ १६ १६ १६ १६ * * ε १६ २० २१ २२ २३ २३ २६ २७ २७ દ L ૯ ૨૬ ૨૯ ३० ३१ ૩૨ ३६ ३७ × पक्ति १० २६ ५. ६ ૨૩ २५ ခု १३ ६ २६ ૨૪ २५. १६ १८ દ २० १६ २२ २१ Is ag ८ २० २ क शुद्धिपत्र अशुद्ध का भगवान चल बाबू हैं प्रायश्चित हे पौषधीपवाग चतुदर्शी कड़े नियमो (क्षुर मे ) समावाय उसके और नीचे विरुद्ध विरुद्ध ग्रहण ३ हे जीव श्रजीव the othe है का म यदु श्रन्तिके हैं गुणी विज्ञेय मिट्टी शुद्ध को भगवन् ! चली वायु हे प्रायश्चित्त हैं पौषधोपवास चतुर्दशी · क नियमां (तुर) से समवाय उनके नींच विरुद्ध विरुद्ध ग्रहण श्राकाश कुमुम श्रजीव श्रजीव हे यदन्तिके गुणी के विज्ञेयः मिट्टी

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