Book Title: Jain Sahitya me Kshetra Ganit
Author(s): Mukutbiharilal Agarwal
Publisher: Z_Anandrushi_Abhinandan_Granth_012013.pdf

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ - - worthyam LY आचार्यप्रसाधनाचार्यप्रसाद श्रीआनन्दाअन्ध92श्रीआनन्दमन्थ । ४३२ धर्म और दर्शन 'जम्बूद्वीवपण्णति' में वलयाकार आकृति क्षेत्रफल के लिये विभिन्न सूत्र दिये हैं जो इस प्रकार हैं-४८ वलयाकार क्षेत्र का क्षेत्रफल = [2d.- (d.-d.)]]( )x10] जबकि dh=बाहरी व्यास तथा d, भीतरी व्यास है। 'गणितसार संग्रह' में क्षेत्रफल के सम्बन्ध में आचार्य ने दो प्रकार के क्षेत्रफल का वर्णन किया है-सन्निकट और सूक्ष्म । यथा-सम्भव प्रत्येक आकृति के दोनों ही प्रकार के क्षेत्रफल-निकालने के सूत्र दिये हैं जो निम्नलिखित हैं त्रिभुज का सन्निकट क्षेत्रफल = 1/2 X आधार X बाजू की दोनों भुजाओं का योगफल त्रिभूज का सूक्ष्म क्षेत्रफल ० =Vम(म ---अ) (म-ब) म-स) जबकि म त्रिभुज की अर्धपरिमिति तथा अ, ब, स त्रिभुज की तीनों भुजायें हैं । दूसरा नियमत्रिभुज का सूक्ष्म क्षेत्रफल ५१ = आधार X लम्ब 2 चतुर्भुज का सन्निकट क्षेत्रफल५२_अ-+सब+द 2 २ चतुर्भुज का सूक्ष्म क्षेत्रफल ५३ = V(म-अ) (म - ब) (म-स) (म --द) जबकि अ, ब, स और द चतुर्भुज की चारों भुजाएँ और म अर्द्ध परिमिति है । दूसरे नियम के अनुसार चतुर्भुज का सूक्ष्म क्षेत्रफल५४ ___ ब+द या 2 Xल IRAM जबकि ब आधार, द उसके सामने की भुजा और ल, द से ब पर डाला गया लम्ब है। नेमिक्षेत्र (कंकणसदृश) आकृति५५ का सन्निकट क्षेत्रफल ५६ = (प, +.) X ल नेमिक्षेत्र आकृति का सूक्ष्म क्षेत्रफल५७=१५ प२४ ल XV 10 6 IP ज जबकि प, बाहरी परिधि पर-भीतरी परिधि ल =कंकण की चौड़ाई है। हाथी के दांत का सूक्ष्म क्षेत्रफल५८ _प, +१२ x बX/10 12 (इसके लिये चित्र ३८ देखें) चित्र ५१ वृत्त का सन्निकट क्षेत्रफल-इसमें 7 का सन्निकट मान 3 लिया गया है। अतः यदि व्यास a हो तो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19