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धर्म और दर्शन
'जम्बूद्वीपण्णति' में वेत्रासन सदृश क्षेत्र के आयतन का सूत्र मिलता है जो इस प्रकार हैवेत्रासन सदृश क्षेत्रका आयतन =JOTan.xउचाईर मोटाई
2 आचार्य महावीर ने आयतन सम्बन्धी विवेचन 'खात व्यवहार' के अन्तर्गत किया है इसमें इन्होंने तीन प्रकार ने आयतन का उल्लेख किया है- कर्मान्तिक घनफल, औन्ड्र घनफल, तथा सूक्ष्म घनफल । बेलन का आयतन, खोदी हुई खाई का घनफल, गोले का घनफल, त्रिभुजाकार आधार वाले स्तुप का घनफल विभिन्न प्रकार के ईट सम्बन्धी प्रश्न एवं लकड़ी सम्बन्धी गणित आदि का भली प्रकार विवेचन किया है। गढ़े का सन्निकट आयतन ६
गढ़े का सन्निकट आयतन-गढ़े के आधार का सन्निकट क्षेत्रफलगहराई।
खातों का सूक्ष्म आयतन निकालने के सम्बन्ध में महावीराचार्य ने तीन प्रकार की मापों का वर्णन किया है-कर्मान्तिक, औन्ड्र और सूक्ष्म घनफल । कर्मान्तिक और औन्ड्र माप समाइयों के सूक्ष्म मानों को देते हैं । इन दोनों सूक्ष्म मानों की सहायता से सूक्ष्म धनफल की गणना की जाती है ।
सूक्ष्म घनफल=y+K =K+ ta
जहाँ a औन्द्र घनफल और K कर्मान्तिक घनफल है।
यदि काटे गये वर्ग आधार वाले स्तुप के ऊपरी तथा निम्न तल की भुजाओं की माप क्रमश: a और b और ऊँचाई । हो तो----- कर्मान्तिक घनफल
ta+be
Xh
a+be. और औन्ड्र घनफल -- h गोले का आयतन
गोले का सन्निकट आयतन००
.
9113
9/d39 और गोले का सुक्ष्म आयतन'०१=.
<-जबd गोले का व्यास है यदि स्तूप के आधार की एक भूजा की माप a हो तो,
2
स्तूप का सन्निकट आयतन =
9
= 18xas av2
तथा स्तूप का सूक्ष्म आयतन=-=X
V10
18
12
गोम्मटसार में आयतन सम्बन्धी सूत्र
सम्पार्श्व का आयतन ०२=आधारxऊँचाई
शंकू अथवा सची स्तम्भ का आयतन 3-1xआधार का क्षेत्रफल Xऊँचाई गोले का आयतन ०४--.X(r)"
शंक्वाकार ढेर (सरसों आदि) का आयतन'०५ ---(परिधि)xऊंचाई यह नियम इस प्रकार बनता है
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