Book Title: Jain Pratima Vigyan
Author(s): Balchand Jain
Publisher: Madanmahal General Stores Jabalpur

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Page 11
________________ विषय सूची प्रथम अध्याय मंगल और लोकोत्तम, पूज्य, पूजा के प्रकार, जैन बिम्ब निर्माण की प्राचीनता, जैन प्रतिमा विज्ञान के द्वितीय अध्याय ११ – १८ जैन मंदिर और प्रतिमाएं, मंदिर निर्माण के योग्य स्थान, प्रतिमा घटन द्रव्य, गृह पूज्य प्रतिमाए अपूज्य प्रतिमाएं, भग्न प्रतिमाएं, जिन प्रतिमा लक्षण, अर्हत्, सिद्ध, प्राचार्य और माधु की प्रतिमाएं | १ - १० स्थापना पूजा, आधार ग्रन्थ । तृतीय ग्रध्याय १९–२७ तालमान, विभिन्न इकाइया, दगताल प्रतिमाएं, कायोत्सर्ग प्रतिमाएं, पद्मासन प्रतिमाएं, मिहासन का मान, परिकर का मान, प्रातिहार्य योजना | चतुर्थ ग्रध्याय २८-४८ काल रचना, चौदह कुलकर, त्रिपष्टि शलाका पुरुष, चतुर्विंशति तीर्थकर, पञ्चकल्याणक तीर्थकरों के लालन, दीक्षावृक्ष, समवशरण, प्रतीहार, निर्वाणभूमि, नवदेवता, भ्रष्ट प्रातिहार्य, अष्ट मंगल द्रव्य । ४५-५२ पचम ग्रध्याय चतुर्निकाय देव, भवनवासी, व्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक | पष्ठ अध्याय श्रुतदेवता, सरस्वती पोडा विद्यादेवियां । ५३–६५ सप्तम अध्याय ६६ – ११२ शासन देवता, चतुविशति यक्ष, चतुविशति यक्ष, शासन देवताओ की उत्पत्ति, हिन्दू और बौद्ध प्रभाव, विशिष्ट यक्ष, मनावृत यक्ष, सर्वा यक्ष, ब्रह्मशान्ति यक्ष, तुम्बरु यक्ष, शान्तिदेवी, कुबेरा यक्षी, पण्ठी, कामचण्डाली |

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