Book Title: Jain Pratima Vigyan
Author(s): Balchand Jain
Publisher: Madanmahal General Stores Jabalpur

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Page 10
________________ ( छह ) उपलब्ध हैं, पर उन्हें इस पुस्तक में सम्मिलित नहीं किया जा मका । प्रतीक पूजा के उपकरण, विभिन्न यन्त्रों और मांडना तथा भौगोलिक नकगो आदि को इस दृष्टि में छोड़ दिया गया है क्योंकि जैनों की प्रतीक पूजा एक स्वतंत्र ग्रन्थ का विषय बनने योग्य है । प्रतिमा विज्ञान केवल कठिन ही नहीं अपितु अगाध विषय है । मैं अपनी अक्षमता को समझता हैं । पुस्तक में त्रुटिया मर्वथा संभाव्य है। विशेषज्ञ जन उन के लिये मुझे क्षमा करेंगे । बालं विहाय जलसंस्थितमिन्दुबिम्बमन्यः क इच्छति जनः महमा ग्रहीतुम । महावीर जयन्ती, १६७४ बालचन्द्र जैन

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