Book Title: Jain Pratima Vigyan
Author(s): Balchand Jain
Publisher: Madanmahal General Stores Jabalpur

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Page 12
________________ (पाठ) अष्ट म अध्याय ११३-११४ क्षेत्रपाल, विभिन्न रूप, गणपति । नवम अध्याय ११५-११७ अष्ट मातृकाएं । दशम अध्याय ११८-१२१ दम दिक्पाल, वाहन, आयुध, दिक्पालों की पत्नियां, दिक्कुमारिकाएं। एकादश अध्याय १२२-१२४ नव ग्रह । परिशिष्ट एक १२५–१३६ तालिकाएं। परिशिष्ट दो १३७–२०० जैन प्रतिमालक्षण देशना २०१–२११ ग्रन्थ निर्देश २१२-२१५ शुद्धि पत्र रेखाचित्र फलक अन्त में

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