Book Title: Jain Parampara ka Itihas Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 4
________________ सम्पादकीय युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ की बहुचर्चित पुस्तक 'जैन दर्शनः मनन और मीमांसा' के पांच खण्ड हैं। उनका पहला खण्ड है- परम्परा और कालचक्र । उस खण्ड के कुछेक विस्तार और टिप्पणों को छोड़ कर यह पुस्तक तैयार की गई है। इसमें मूल विषयों के अतिरिक्त जैन राजा, जैन परम्परा के विशिष्ट आचार्य, जैन परम्परा के विशिष्ट स्थल, विदेशों में जैन धर्म, भारत के विभिन्न अंचलों में जैन धर्म, आदि विषयों का समावेश किया गया है । जैन परम्परा के विविध पहलुओं को समझने में यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, इसी आशा के साथ Jain Education International For Private & Personal Use Only -सम्पादक www.jainelibrary.orgPage Navigation
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