Book Title: Jain Katha Sahitya me Pratibimbit Dharmik Jivan
Author(s): Pushpa Tiwari
Publisher: Ilahabad University

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Page 200
________________ समाज में जैन धर्म जनसामान्य में पर्याप्त लोकप्रिय था। राजाओं, सामन्तों एवं समाज के घनी वर्ग के संरक्षण एवं प्रोत्साहन ने जैन मंदिर स्थापत्य को न केवल विकसित किया अपितु विविध धार्मिक सम्प्रदायों के मध्य सामञ्जय स्थापित करने के लिए कला को प्रमुख माध्यम भी बनाया गया। मंदिरों के सुस्पष्ट पुरातात्विक साक्ष्य इन उदाहरणों के रूप के देखे जा सकते हैं। ( 195)

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