Book Title: Jain Katha Sahitya me Pratibimbit Dharmik Jivan
Author(s): Pushpa Tiwari
Publisher: Ilahabad University

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Page 217
________________ 16. श्रीभदभगवदगीता (संस्करण चौतीसवां) गीताप्रेस, गोरखपुर सहायक ग्रन्थ 1. अग्रवाल, वासुदेव (1953) हर्षचरित एक सांस्कृतिक अध्ययन, रास्ट्र भाषा परिषद् पटना। 2. अग्रवाल वी. एस. (1964) प्राचीन भारतीय लोकधर्म, अहमदाबाद । 3. अग्रवाल, वी. एस. (1977) द्वि. सं., भारतीय कला, वाराणसी। 4. अल्तेकर, ए एस. (1967) रास्ट्रकूट एण्ड दियर टाइम्स, पूना। . 5. उपाध्याय, वी. (1964) सोसियो रिलिजस कन्डिशन्स ऑव नॉरदन इण्डिया, वाराणसी। 6. उपाध्याय, वासुदेव (1966) पूर्वमध्यकालीन भारती प्रकाशन प्रयाग। 7. उपाध्याय, रामजी (1966) प्राचीन भारतीय साहित्य की रूपरेखा, इलाहाबाद । 8. एम. हिरियन्ना (1965 प्र. सं. 1973 द्वि. सं.) भारतीय दर्शन की रूपरेखा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली। 9. ओझा, जी. एच. (1937) राजपुताने का इतिहास (भाग-1) अजमेर । 10. काणे, पी. वी. (1973) धर्मशास्त्र का इतिहास, (भाग 4) (अर्जुन चौबे द्वारा अनुवादित), राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन हिन्दी भवन, लखनऊ। 11. कृष्णदेव (1990) टेम्पिल्स ऑव खजुराहो, दिल्ली। 12. कृष्णदेव (1987) उत्तरभारत के मंदिर, नई दिल्ली। 13. कुमार स्वामी, ए के. (1965) हिस्ट्री ऑव इण्डियन एण्ड, इण्डोनेशियन आर्ट न्यूयार्क । 14. गोपाल, एल. (1965) द इकोनोमिक लाइफ ऑव नॉरदन इण्डिया, वाराणसी। 15. जैन, जगदीश चन्द्र (1961) प्राकृत साहित्य का इतिहास, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी। 16. जैन, जगदीश चन्द्र (1947) लाइफ इन एनशेन्ट इन्डिया एज डेपिक्टेड इन द जैन कैनन्स, बम्बई। (212)

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