Book Title: Jain Granth aur Granthkar
Author(s): Fatehchand Belani
Publisher: Jain Sanskruti Sanshodhan Mandal Banaras

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Page 28
________________ प्रीति विमल देवविजय रविसागर नगर्षिगणि विनय कुशल कनक कुशल ज्ञानतिलक कथा चम्पक श्रेष्ठि कथा कथा-चरित्र जनरामायण, पांडव चरित्र गद्य १६६० प्रकीर्णक सप्ततिशत स्थानक वृत्ति, धर्मरत्न मञ्जुषा (दानादि कुलक वृत्ति १६६६ मण्डल प्रकरण स्वोपज्ञ. १६५२ विचार सप्ततिका वृत्ति १६७५ कथा सौभाग्य पंचमी कथा, सुरप्रिय मुनि कथा, रोहिणेय कथानक, स्तुति-स्तोत्र जिनस्तुति १६४१, कल्याण मंदिर टीका . विशाल लोचन सूत्रबृत्ति,१६५३ साधारण जिनस्तवन पर अव चूरि, रत्नाकर पच्चीसी टीका व्याकरण शब्दप्रभेद ( महेश्वर कृत ) व्याकरण पर वृत्ति १६५४ कोश अभिधाननाममाला पर सारोद्धार वृत्ति, शिलोच्छ कोश (जिनेश्वर कृत) पर टीका व्याकरण लिंगानुशासन (हेम) दुर्गप्रबोध टीका काव्य विजयदेवमाहात्म्य काव्य सटीक स्तोत्र अरनाथ स्तुति सवृत्ति व्याकरण सारस्वत दीपिका, सेट् अनिट् कारिका विवरण, धातुपाठ तरंगिणी, शारदीय नाममाला छन्दःशास्त्र श्रुतबोध वृत्ति योग योग चिन्तामणि बुद्धि विजय हंस प्रमोद आनन्द विजय मेरु विजय शुभ विजय वैद्यक वैद्यक सारोद्धार स्तुति-स्तोत्र वृहत्शान्ति पर टीका १६५५ कल्याण मन्दिर टोका सिकर प्रकर टीका मौन एकादशी माहात्म्य १६५७ आगमिक स्थानांग दीपिका कल्पान्तर्वाच्य (प्राकृत-१६५७) स्तोत्र जिनसहस्त्र नाम १६५८ जिनस० की टीका गौतम कुलक पर वृत्ति १६६० कथा चित्रसेन-पद्मावती कथा १६६० सारंगसार वृत्ति त्रिभंगी सूत्र(हर्षकुल) वृत्ति वीरजिनस्तुति सावचूरिक आगमिक कल्पसूत्र पर वृत्ति १६७१ दार्शनिक तर्कभाषा वार्तिक १६६३ स्याद्वाद भाषा १६६७ कोश हमी नाम माला काव्य, काव्यकल्पलतावृत्तिमकरंद १६६५ प्रकीर्णक सेन प्रश्न (संकलन) १६५७ प्रश्नोत्तर रत्नाकर १६७१ शोभनस्तुति पर वृत्ति १६७१ व्याकरण सारस्वत व्याकरण टोका कथा, कादम्बरी पूर्वभाग टीका रत्नपाल कथानक विवेक विलास पर टीका शकुन वसन्तराज पर टीका स्तोत्र सूर्य सहस्रनाम ज्ञानविमल वल्लभ उपाध्याय जयविजय भानुचन्द्र उपाध्याय हर्ष काति Jain Education International For Private & Personale Only

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