Book Title: Jain Dharma me Aradhana ka Swaroop
Author(s): Priyadivyanjanashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 4
________________ ग्रन्थ का नाम- संवेगरंगशाला में प्रतिपादित 'जैन धर्म में आराधना का स्वरूप' जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य वि.वि.) द्वारा पी-एच.डी.की उपाधि हेतु स्वीकृत शोध प्रबन्ध सम्प्रेरक - साध्वीवर्या श्री सुलोचना श्रीजी; श्री सुलक्षणा श्रीजी एवं श्री प्रियरंजना श्रीजी लेखिका - साध्वी प्रियदिव्यांजना श्रीजी प्रकाशक - प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर (म.प्र.) प्राप्तिस्थान - १. प्राच्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड़ शाजापुर (म.प्र.) ४६५००१ २. सरस्वती पुस्तक भण्डार, हाथीखाना, रतनपोल, अहमदाबाद (गुजरात) प्रकाशन वर्ष - प्रथम संस्करण ई. सन् २००७ मूल्य . - २५०/ दो सौ पचास रुपये मात्र मुद्रक - आकृति ऑफसेट ५, नईपेठ, उज्जैन (म.प्र.) दूरभाष - ०७३४-२५६१७२० मोबाईल - ६८२७६-७७७८० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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