Book Title: Jain Dharm par Lokmat Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 3
________________ जैनधर्म पर लोक मत । 10000008000 000 0 0 0 0 8 • TO CAT LOAD 2.00 मैं विश्वास के साथ यह बात कहूंगा कि महावीर स्वामीका नाम इस समय यदि किसी सिद्धान्तके लिये पूजा जाता है तो वह भहिसा है । हिंसा तत्वको यदि किसीने अधिक से अधिक विकसित किया है तो वे महावीर स्वामी थे । -स्व० महात्मा गांधी | जैनोंका अर्थ है संयम और अहिंसा । जहां अहिंसा है वहां द्वेषभाव नहीं रह सक्ता । दुनियोंको यह पाठ पढ़ानेकी जवाबदारी आज नहीं तो कल अहिंसात्मक संस्कृतिके ठेकेदार बननेवाले नैनियोको ही लेना पड़ेगी। - सरदार वल्लभभाई पटेल, गृहमंत्री- भारत सरकार । हिन्दु संस्कृति भारतीय संस्कृतिका एक अंश है, और जैन तथा बौद्ध यद्यपि पूर्णतया भारतीय हैं परन्तु हिन्दू नहीं हैं। मंत्री पं० जवाहरलालजी नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया ) । श्री महावीरजी के उपदेशों पर अमल करने से ही वास्तविक शांति प्राप्ति होती है। इस महापुरुषके बताये हुवे पथका अनुसरण करPage Navigation
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