Book Title: Jain Dharm par Lokmat
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ 1११] जैन हिन्दुओंकी सन्तान नहीं हैं। --सर कुमारस्वामी चीफ जस्टिस ऑव् मद्रास हाईकोर्ट जैनधर्मका में प्राचीनतत्व स्वीकार करता हूं। -कोब्रुक । सम्राट अशोकने काश्मीर तक जैन धर्मका प्रचार किया था । - अबुलफजल ( अबका दरबारी स्त)। चन्द्रगुप्त म्वतः जैन था वह श्राणों ( जैन गुरुओं ) से उपदेश सुनता था। -मेगस्थनीज प्रोक इतिहासकार । वृषभदेव जैन धर्मके संस्थापक थे । -श्रीमद्भगत । हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तक किंबहुना उससे भी आगे सीलोन तक, व चीस कलात नाअथवा उसमे भी भागे श्याम, ब्राह्मदेश, जात्रा आदि देशों में जैनधर्मी लोग फैले हुवे थे । - गोविन्द वासुदेव अ.प्टे श्री० ५.० इंदौर । अनर्ग हिन्दु धर्मसे सर्वथा स्वतंत्र है। -41. मैक्समूलर। जैनधर्म प्राचीन कालसे है। -~-जगद्गुरु शंकराचार्य । जैनधर्म इस देशमें ब्राह्मण धर्मके जन्म या उनके हिन्दू धर्म कहकानेके बहुत पहिलेसे प्रचलित था। -गनेकर जस्टिस ऑफ बोम्बे हाई कोर्ट ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17