Book Title: Jab Murdebhi Jagte Hai
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 10
________________ दूसरा दृश्य प्रवक्ता : १९१९ के जलियान वाला बाग-के-से घोर हत्याकांडों के बाद ब्रिटिः सल्तनत के विरुद्ध भारत भर में विद्रोह का ज्वार उमड़ पड़ा। १९२३ में क्रान्तिकार वीर शहीद भगतसिंह एक अन्य क्रान्तिकारो को फांसी के बाद... १९३० का सत्याग्रह संग्राम : गांधीजी की दांडीयात्रा १९३६ सुभाषबाबु के अध्यक्ष पद का हरिपुरा कोंग्रेस सम्मेलन और अंत में, १९४२ का 'भारत छोड़ो' आंदोलन - ये तीन बड़े सोपान थे भारत की तत्कालीन मुक्तियात्रा के। प्रधानतः बापू गांधी ने भारत का नेतृत्व सम्हाला और सत्य, अहिंसा तथा प्रेम की उनकी अद्वितीय नीति से भारत के इस संग्राम ने नया ही मोड़ लिया । यह है १९४२ का एक दर्दनाक ऐतिहासिक प्रसंग । पंजाब के क्रान्तिकारों का एक अड्डा - आज़ाद हिन्द रेडियो स्टेशन । सरदार निहालसिंह : क्या है क्रान्ति दीदी ? है कोई खास मेसेज ? impor क्रान्तिः धीरेन बाबू एक 6(इम्पोर्टन्ट) काम लेकर अभी यहाँ पहुँच रहे हैं। सरदार : तो खबरें उनके आने के बाद ही ब्रोडकास्ट करेंगे । क्रान्तिः यह तो बराबर है मगर अब ब्रोडकास्ट का वक्त हो रहा है। सरदार : आइये, धीरेन बाबू, आइये। क्रान्ति: नमस्ते, धीरेन दा! धीरेन : नमस्ते दीदी.... आज मैं बड़ी जल्दी में हूँ। निहाल भैया, एक खास काम लेकर आया हूँ। धीरेन : सबसे पहले तो हमें शीघ्र ही देवीप्रसादजी को समझाना है कि केवल अहिंसक ढंग से यह Quit India Movement (क्वीट इन्डिया मुवमेन्ट) सफल नहीं हो सकती। ____ अब देखिये यह प्लान । इसमें हिन्दुस्तान के दस बड़े बड़े शहरों की सभी सरकारी कोठियों को इन दो दिनों में एक साथ बम से उड़ा देने की योजना है। क्रान्तिः मगर धीरेन बाबू, एक साथ यह सब कैसे होगा? marroor. Dr. 10.8.18 धीरेन : सरदार भैया, इस की चिंता मत कीजिये । भारत के आठ बड़े बड़े शहरों का इन्तज़ाम हो ही गया हैं। अब बाकी है जालन्धर और अमृतसर । अमृतसर के लिये बड़ा अरजन्ट इम्पोर्टन्ट प्लान है और बड़ी सावधानी से काम करना है। सरदार : क्या है ? क्रान्तिः कैसे और क्या करना है ? जल्दी बताइये। धीरेन : देखिये, स्टीवन्सन यहाँ रेसिडेन्ट की कोठी पर पहुँच गये हैं। उसकी यह 700 सिक्रेट विझीट है इसलिये वह कोठी से दिनभर बाहर नहीं निकलेगा। लेकिन कोठी पर लोगों की हलचल बढ़ जायेगी। संध्या के छ: बजे उसने मिलिटरी अफसरों की शस्त्रों के साथ प्राइवेट मिटींग कोठी पर बुलायी है। ठीक उसी समय स्टीवन्सन ओर रेसिडेन्ट के साथ सारी कोठी उड़ जानी चाहिये । फिक्र मत कीजिये । लीजिये, खास इस काम में आ सके ऐसा यह टाइम बोम्ब । होशियारी से सम्हालिये । क्रान्तिः अरे यह तो नये ही ढंग का है! धीरेन : देखिये, ठीक छः बजे रेसिडेन्ट की कोठी उड़ ही जानी चाहिये। सरदार : इसके लिये अब आप बेफिक्र रहिये । सब बन्दोबस्त करता हूँ, लेकिन । हाँ, यह काम देवीप्रसादजी के साथ सोचे बिना नहीं होगा । उनकी सहायता लेना बहुत ही ज़रुरी हैं। क्रान्तिः अहिंसक देवीप्रसादजी मानेंगे? धीरेन : हम उन्हें समझायेंगे। सरदार : हाँ, बिल्कुल ठीक है। मैं उनको शीघ्र ही बुलाकर आता हूँ तब तक दीदी तुम संज्ञाएँ ब्रोडकास्ट कर दो। क्रान्ति : अच्छी बात है, कर देती हूँ। "००० वन्दे मातरम् । यह आज़ाद हिन्द रेडियो है। अब आप बाब, धीरेन मित्र जो कि बंगाल के क्रान्तिकारी नेता हैं उनसे खास खबरें सुनेंगे । लीजिये..... सुनिये..... यह हैं धीरेन बाबू ।" धीरेन : "वन्दे मातरम् । हिन्दुस्तान की आज़ादी के दीवाने दोस्तों, आदाब अर्जु। . नाचीज़ अंग्रेजों के अत्याचारों का बदला लेने का अब मौका आ गया है। अब कत्ल की रात है। होशियार हो जाइये । दिल में आग जलाइये । ज़रूरत हो तो अपना खून बहाइये लेकिन मौका छोड़िये मत । आज और कल के दो दिन । आठ और नव अगस्त कत्ल के हैं। इनके प्रोग्राम की खास सूचनाएं सुन लीजिये । सुनिये, हिन्दभर में सरकार के खिलाफ़ सभाएं होंगी । आप सब...... (20) (10)

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