Book Title: Hitopadesh
Author(s): Prabhanandsuri, Parmanandsuri, Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 2
________________ पू. आ. श्री. विजयरामचन्द्रसूरिस्मृतिसंस्कृत-प्राकृतग्रंथमाला-१४ । हितोपदेशः ।। [मूल-वृत्ति-कथा-तुला-टिप्पणीसमन्वितः] * ग्रन्थकाराः प्रतिभासमुद्र-प्रतिभाभिराम-पूज्यपादाचार्यश्रीमत्प्रभानन्दसूरीश्वराः •विवरणकाराः . परमतेजस्वि-परमविद्वद्वर्य-पूज्यपादाचार्यश्रीमत्परमानन्दसूरीश्वराः 0 सम्पादकाः ० तपागच्छाधिराजपूज्यपादाचार्यवर्य-श्रीमद्विजयरामचन्द्रसूरीश्वरचरणरेणुवर्धमानतपोनिधि-पूज्यपादाचार्यश्रीमद्विजयगुणयशसूरीश्वरविनेयाः प्रवचनप्रभावक-पूज्यपादाचार्यश्रीमद्विजयकीर्तियशसूरीश्वराः समयमा sher :प्रकाशकम् : सन्मार्ग प्रकाशन, पाछीयानी पोळ, रीलीफ रोड, अहमदाबाद-१ फोन : २५३५ २०७२ - फैक्स : २५३९ २७८९ Jain Education International 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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