Book Title: Hindi Gujarati Kosh
Author(s): Maganbhai Prabhudas Desai
Publisher: Gujarat Vidyapith

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Page 531
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सत्रह समक्षत सत्रह वि० 'सतरह'; सत्तर; १७ सवात स्त्री० [अ.] सत्य ... सत्वर वि० [सं.] जलदी; तरत सदाचरण, सदाचार पुं० [सं.] सारं शुभ सत्संग पुं० [सं.] सारी के साधुजननी वर्तन [धर्मिष्ठ सोबत सदाचारी वि० [सं.] सारा वर्तनवाळं; सथरी स्त्री० साथरो; बासनी पथारी सदाफर,-ल वि० सदा फळतुं (२) पुं० सथिवा पुं० साथियो (२) शस्त्रवैद उमरडो (३) नारियेळी (४) बीली : सद वि० (प.) ताजु (२) अ० सद्यः । सदाबरत, सदावर्त पुं० सदावत; अन्नक्षेत्र तरत (३) स्त्री० आदत; टेव सदा-बहार वि० हमेश खीलेलं रहे एवं सद वि० [फा. सो; शत; १०० (२) सदा लीलू रहेतुं सदका पुं० [अ.] दान (२) कोईने माथे सदारत स्त्री० [अ] सदरपणुं; सभापतित्व उतारीने रस्ते मुकाय ते; उतार. सदावर्त पुं० सदावत; अन्नक्षेत्र -उतारना,-करना=(दाणा इ०)माथे सदाशय वि० [सं.] शुभ आशयवाळू उतारवं. सदके जाना= वारी जवू; सदा-सुहागिन स्त्री० देश्या (व्यंग्य) कुरबान थवं सदी स्त्री० [फा.] सैकुं; शताब्दी सदन पुं० [सं.] धाम; स्थळ; घर सदृश वि० [सं.] मळतु; जेवं; समान सदा स्त्री० [अ.] मोतीनी छीप सदेह वि० [सं.] देह सहित सदमा पुं० [अ.] आघात; धक्को (२) सदैव अ० [सं.] सदाय; हमेश दुःख. -उठाना= दुःखनो घा वेठवो. सदोष वि० [सं.] दोषवाळ (२) गुनेगार -पहुंचना=आघात लागवो सद्गति स्त्री०[सं.] शुभ गति(मरण बाद) सदय वि० [सं.] दया सहित; दयाळु सद्गुण पुं० [सं.] सारो गुण के लक्षण सदर वि० [अ. सद्र] प्रधान; मुख्य; प्रमुख सद्द अ० (प.) सद्य; तरत; हमणां (२) (२)पुं० केन्द्रस्थान(३)कशानो आगलो __ स्त्री० [अ.] आड; दीवाल भाग (४) सभानो प्रमुख. ०आला पुं० सधर्म पुं० [सं.] सारो धर्म (२) बौद्ध नानो न्यायाधीश. ०दरवाजा पुं० के जैन धर्म [अस्तित्व खास दरवाजो. नशीन पुं० सभापति. सद्भाव पं०[सं.] सारो भाव; मेळ (२) ०बाजार पुं० मोटुं के खास बजार सद्य अ० [सं.] हमणां; तरत .... सदरी स्त्री० [अ.] सदरो; बंडी सद्र पुं० [अ.] जुओ सदर सदसत्,- वि० [सं.] सत्य असत्य; सारं सधना अ०क्रि० सधावं (प्रेरक सधाना) नरसु के साचं जूळू सधर्म वि० [सं.] समान धर्म के गुणवाळू सदस्य पुं० [सं.] सभ्य; सभासद सधवा स्त्री० [सं.] सौभाग्यवती स्त्री सदहा वि० [फा. सेंकडो; अनेक सन पुं० शण (२) वि० स्तब्ध; सूम सदा स्त्री० [अ.] प्रतिध्वनि; पडघो (२) (३) [अ.] सन; साल अवाज; शब्द (३) पोकारनो शब्द सनअत स्त्री० [अ.] कारीगरी; कळासदा अ० [सं.] हमेश कौशल्य (२) उद्योग; धंधो For Private and Personal Use Only

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