Book Title: Hindi Gujarati Kosh
Author(s): Maganbhai Prabhudas Desai
Publisher: Gujarat Vidyapith

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Page 540
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org सर्प सर्प पुं०[सं.] साप. ०काल पुं० गरुड सर्पिणी स्त्री० [सं.] सापण (२) एक वेल सपि, ०स् पुं० [सं.] घी सर्फ़ पुं० [अ.] व्यय; खरच (२) व्याकरण सफ़ पुं० [अ.] खरच; वापर; व्यय सफ़ वि० [अ०] वैयाकरणी सर्बस वि० ( प. ) सर्वस्व सर्राफ़ पुं० [अ.] जुओ 'सराफ़' सर्राफा पुं० जुओ 'सराफ़ा' सर्व वि० [सं.] बघुं सर्वकाम पुं० [सं.] सौ कामनाओ पूरी करनार (२) शिव सर्वग्रास पुं० [सं.] खग्रास ग्रहण सर्वजनीन वि० [सं.] सार्वजनिक सर्वज्ञ वि० [सं.] बधुं जाणनार ( २ ) पुं० प्रभु सर्वतंत्र वि० [सं.] बधां शास्त्रोने मान्य सर्वतः अ०[सं.] बधी तरफथी के रीते सर्वतोभाव, -वेन अ० [सं.] 'भली भाँति ' ; सौ रीते; बरोबर सर्वत्र अ० [सं.] बधे सर्वथा अ० [सं.] बधी रीते सर्वदा अ० [सं.] सदा सर्वरी स्त्री० ( प. ) शर्वरी; रात्रि सर्वशः अ० [सं.] बधी - पूर्ण रीते सर्वस्व पुं० [सं.] बधुं; कुल मालमत्ता सर्वप पुं० [सं.] सरसव सर्सी पुं० 'सरसों'; सरसव सलई स्त्री० चीडनुं झाड के तेनो गुंदर सलग ( - ज ) म पुं० जुओ 'शलग़म ' सलज्ज वि० [सं.] लज्जावाळु सलतनत स्त्री० [अ.] सल्तनत (२) प्रबंध; गोठवण (३) आराम; निरांत सलना अ०क्रि० साल पडवुं; बींधावुं ५२४ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सलीब सलफ़ वि० [ अ ] गत; व्यतीत सलब वि० [अ. सल्व] बरबाद; नष्ट सलमा पुं० सोनाचांदीनो तार सलवात स्त्री० [अ.] रहेम; शुभेच्छा (२) गाळ [पायजामो सलवार स्त्री० [फा.] एक जातनो' सलहज स्त्री० जुओ 'सरहज ' सला स्त्री० [ अ ] नोतरु; आमंत्रण सलाई स्त्री० पातळी सकियो (२) दीवासळी सलाख स्त्री० सळियो [एक भाजी सलाद पुं० [इं.] कचुंबर तरीके खवाती सलाबत स्त्री० [ अ ] दृढता; मजबूती सलाम पुं० [अ.] सलाम वंदन. - देना = सलाम करवी. -लेना = सामे सलाम करवी; सलाम झीलवी [रक्षा सलामत वि० [अ.] सुरक्षित. ती स्त्री० सलामत - रवी स्त्री० [ अ. +फा.] मध्यम मार्ग (२) मापसर खरच सलामी स्त्री० सलामनी रीत; सलाम करवी ते For Private and Personal Use Only सलार पुं० एक पक्षी सलाह स्त्री० [अ.] भलाई; सदाचार (२) सलाह सूचना (३) इच्छा; विचार. ०कार, - ही पुं० सलाह आपनार. -- हि ( ही ) यत स्त्री० भलाई; योग्यता सलिल पुं० [सं.] पाणी सलीक़ा पुं० [अ.] ढंग; रीत ( २ ) कुशळता; होशियारी (३) सभ्यता (४) वर्तन; रीतभात. ०दार, मंद वि० ' सलीका' वाळु सलीता पुं० एक जातनुं गजिया जेवुं कपड सलीपर पुं० स्लीपर जोडा सलीब स्त्री० [अ.] शूळी (२) ख्रिस्ती क्रॉस

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