Book Title: Heersaubhagya Mahakavyam Part 01
Author(s): Devvimal Gani, Sulochanashreeji
Publisher: Kantilal Chimanlal Shah

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Page 21
________________ विषय . - लोकाहः ३२३-३२५ ३२५-३२९ ३२८-३४३ ३४३-३४७ ३४७-२५२ ३५२-३५४ उ५४-३६२ उ६२-३६५. ३६५ ३६८ उ६८-३७८ ३७८-३७९ 3८० १२ पुनस्ता प्रतिकुमारोत्तरवचनम् .. ७८ - ०० १३ विमलाया दीक्षादेशप्रदानम् ७९ - ०० १४ हीर प्रति भगिन्याः स्तुतिवर्णनम् १५ दीक्षामुहूर्तदिवसावलोकनम् ८६ - ९४ १६ दीक्षाकान्ते कुमारशृङ्गारवर्णनम् ९५ -१३१ १७ कुमारारोहणार्थमामीताश्ववर्णनम् १३२-१४० १८ दीक्षाकालीन नृत्य गीतादिवर्णनम् १४१-१५३ १९ दीक्षाकाले आनीतं गजाश्वदिवर्णनम् १५४-१५७ २० पौराङ्गना विविध चेष्टावर्णनम् १५८-१७९ २१ कुमाररूप दर्शनादिविचारः १८०-१८५ २२ हीरकुमारदर्शनोत्तरपौराङ्गनानांमिथाकथनम् १८६-१९१ २३ दीक्षाग्रहणयोग्यवटवृक्षवर्णनम् १९२-२०७ २४ दीक्षाग्रहणनाम करनादिवर्ण नम् २०४-२१७ २५ सर्ग समाप्ति वर्णनम् २१८ षष्ठः सर्ग) १ केवल दक्षिणदिग्वर्ण नम् १ - ११ २ मलयाचलवर्णनम् १२ - १५ ३ माणिक्य स्वामीवर्णनम् १६ - १७ ४ अन्तरिक्ष पार्शनाथवर्णनम् १८ - १९ ५ करेहटकपार्श्वनाथवर्णनम् २० - २१ ६ जीवत्स्वामी वर्णनम् २२ - ०० ७ गिरिवननदीवर्णनम् २३ - २६ ८ देवगिरिनगरवर्णनम् २७ - २९ ९ देवगिरिनागरिकर्णनम् १० देवगिरिनागरिकावर्णनम् ११ देवगिरिस्वामिनिजामसाहिवर्णनम् , १२ देवसीवणिगवर्णनम् ३९ - ४१ १३ जसमादेवीवर्णनम् ४२ - ४५ १४ हीरहर्षस्य पण्डितब्राह्मणपार्वेऽध्ययनव० ४६ - ६१ १५ विहारमार्गवर्णनम् । ६२ - ६९ १६ होरहर्षस्य गुरूपाय गमनवर्णनम् ७० -७२ १७ विजदास्रेानवर्ण नम् ७३ - ८६ १८ विजयदानसूरिध्यानश्रुतशासनदेवतोक्त आचार्य पद कथनवर्णनम् ८७ - ९३ १९ विजयदानसूरिध्यानान्तरंवहिरागमनबर्णनम् ९४ - ९७ २० शकुनावलोकनवर्णनम् ९८ - ९९ २१ हीरविजयसूरेराचार्यपदस्थापनावर्णनम् १००-१०९ ३८०-३८५ ३८६-३८७ ३८८-३८९ ३८९-३९० ३९०३९०-३९२ ३९२-३९३ ३९३-३९४ ३९४-३९५ ३९५-३९७ ३९७-३९८ ३९८-४०० ४००-४०६ ४०६-४१० ४१०-४११ ४१२-४१६ ४१७-४१९ ४१९-४२१ ४२१-४२२ ४२२-४२५ ४२६-४२८

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