Book Title: Heersaubhagya Mahakavyam Part 01
Author(s): Devvimal Gani, Sulochanashreeji
Publisher: Kantilal Chimanlal Shah
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विषयः
पृष्ठ
२५७-००
। । । । । । ।
२५८-०० ., -२६० २६१
२६२
२६३२६२-२६४ २६४-२६६ २६६ ." -२७१ २७१२७२
श्लोकाङ्कः ४१ रविप्रमसूरिवर्णनम्
८९ - ०० ४२ यभोदेवसूरिवर्णनम् ४३ प्रध्युम्नदेवसूरिवर्णनम् ४४ तृतीय मानदेवसूरिवर्ण नम् ४५ विमलचन्द्र सूरिवर्णनम्
९३ - ०० ४६ सर्वदेवत्रिवर्णनम् ४७ श्रीदेवसुरिवर्णनम् ४८ द्वितीयश्रीसर्वदेवसूरिवर्णनम् । १०१-०० ४९ यशोभद्रसूरिवर्णनम् नेमिचन्द्र वर्णनम् १०२- ०० ५० मुनिचन्द्रसूरिवर्ण नम्
१०३-१०४ ५१ अजितदेवसूरिवण नम् ५२ सोमप्रमसूरिमणिरत्नसूरिश्ववर्ण नम् १०६-१०७ ५३ जगच्चन्द्रसूरिवर्णनम्
१०८-१११ ५४ देवेन्द्र सूरिवर्णनम्
११२५५ धर्मद्योषसूरिवर्णनम्
११३-११९ ५६ सोमप्रमत्रिवर्ण नम्
१२०५७ सोमतिनाकवर्णनम्
१२१५८ देव सुन्दर सूरिवर्णनम्
१२२५९ सोमसुन्दर सूरिवर्ण नम्
१२३६० रत्नशेखरसूरिवर्णनम्
१२४-१२८ ६१ लक्ष्मीसागरसूरिवर्ण नम्
१२९६२ सुमतिसाधुसूरिवर्ण गम्
१३०६३ हेम विमल सूरिवर्ण नम्
१३१६४ आनन्दविमलसूरिवर्णनम्
१३२-१४३ ६५ विजयदानसूरिवर्णनम्
१४४-१४८ ६६ सर्गसमाप्तिवर्णनम्
१४९
पञ्चमः सर्ग १ विजयदानसूरिपौरागमनवन्दनवर्णनम् १ - ५ २ हीरकुमारागमनगुरुवन्दनवर्ण नम् ३ गुरूदेशनावर्ण नम्
१४ - २२ ४ हीरकुमारसंसारासारताविचारवर्णनम् २३ ५ कुमारोहश्यकगुरुवचनवर्णनम् ।
हणनि ७ विमलांभगिनीप्रतिदीक्षादेशमार्गणवचनव० ८ प्रबज्यदृढतायांभगिनींप्रतिकुमारवचनम् . ९ कुमारंप्रति विचन्ताय वचनानि, १० भगिनींप्रति हीरस्य उत्तरवचनानि ११ पुनः कुमार प्रति विमलायावचनानि,
२७३२७४-२७६ २७६
२७८-२८६ २८६-२८८ २८९
६ही
नम
२९०-२९१ २९२-२९५ २९५-२९९ २९९-३०१ ३०२-३०४ ३०४-३०५ ३०५-३०८ ३०८-३१३ ३१४-३१७ ३१७-३२१ ३२१-३२२

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