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कर्त्तानो परिचय
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"प्रस्तुत प्रथना कर्त्तानुं पद एटलुं बधुं प्रसिद्ध छे, के- जेओनो सामान्य परिचय श्वेतांबर मूर्त्तिपूजक समाजना साधु, साध्वी,
पंडितो, विद्यार्थिओ अने खास खास गृहस्थोने कराववानी खास जरूर रहेती नथी. पण ते सिवायनो जैनसमाज जेमां स्थानकवासी अने दिगंबर लोकोनो पण समावेश थाय छे तेने ए ग्रंथकर्त्तानो परिचय नहि जेवो छे. अने कोइने हशे तो ये यथार्थ - रूपमा नहि होय. एटले ग्रंथकर्त्तानो परिचय कराववानुं काम तो बाकी रहे छे ज. आ उपरांत जैनेतर विद्वानो माटे पण ए परिचयनी आवश्यकता छे ज.
ज्यांसुधी अमे जाणीए छीए त्यांसुधी प्रस्तुत ग्रंथना कर्त्ता महोपाध्याय न्यायविशारद यशोविजयजी वाचकना जीवनने लगतुं नीचेना लेखकोए थोडुं के घणुं, साधार के निराधार लख्युं छे.
श्रीयुत कापडीया मोतीचंद गिरधर भाई बी. ए. एल. एल. बी. सोलीसीटरे आनंदघनपद्यसंग्रहनी प्रस्तावनामां प्रसंगवश गूजराती मां लख्युं छे. श्रीमान् मोहनलाल दलीचंद देशाई बी. ए. एल् एल्. बी. वकील हाइकोर्ट प्लीडरे इंग्रेजीमां स्वतंत्र पुस्तकरूपे अने गूजरातीमां नयकर्णिकानी प्रस्तावनामां लख्युं छे. आचार्यवर्य श्रीमान् बुद्धिसागरसूरि महाराजे एक निबंधरूपे गूजरातीमां लख्युं छे. पंन्यासजी श्रीमान् प्रतापविजयजी महाराजे प्रतिमाशतकनी विस्तृत प्रस्तावनामां संस्कृतमां लख्युं छे.
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