Book Title: Gudartha Dohao ane Anya Samagri Paramparagat Lokvarsanu Jatan Author(s): Niranjan Rajyaguru Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 2
________________ ६ अनुसन्धान ५० (२) भारतीय प्रान्तोना सन्त- भक्त साहित्यनी पारिभाषिक शब्दावली, साधनात्मक परिभाषा, संगीतना ढाळ, राग, ताल, ढंगमां अकात्मकता जोवा मळे छे. ✩ खंभातमां चातुर्मास निमित्ते विराजमान आचार्य श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिजी महाराज साहेबने वन्दना करवा जवानुं बन्युं. वातवातमां अमणे ‘गूढार्थका दोहा' शीर्षक नीचे छूटक ९ x ४ इंचनी साइझना चार पत्रोमां- आगळ पाछळ सात पानांओ पर लखायेली हस्तप्रतनी झेरोक्स - नकल मने सम्पादन - अभ्यास माटे आपी. आ हस्तप्रतमांना पुष्पिकालेख प्रमाणे आ विविध संकलित सामग्री आजथी एकसो चार वर्ष पहेलां वि.सं. १९६२ना चैत्र सुदी पांचमने रविवारे दक्षिण भारतना औरंगाबाद जिल्लाना व्यावमांडा (ता. अंबड) गामे श्रीकान रिखजी महाराजना खंभात सम्प्रदायना पू. भाणजी रिखजीना शिष्य हीरा रिखजीना शिष्य अमी रखे (रिखे) पोताना माटे लखी छे. आ सामग्रीमां प्रथम पानामां हांसियो पाडीने गूढार्थ दोहा १ ओम लखायुं छे. बीजा पानामां हांसियो पाडीने सज्जन- - दूर्जन २ ओम बीजो विभाग पाड्यो छे. त्रीजा पानामां सज्जन - दूर्जन ३ ओम लखायुं छे. त्रणे पत्रना पाछळना पृष्ठमां हांसियो नथी पाड्यो. चोथा पानामां हांसियो पाडीने 'उपदेशी चूटका' ओम विभाग दर्शाव्यो छे. सळंग रीते लखायेली आ हस्तप्रतमां प्रथम पृष्ठमा २२ पंक्तिओ, ओ पछी बीजा, त्रीजा, चोथा, अने पांचमा पृष्ठमा २१ - २१ पंक्तिओ, छठ्ठा पृष्ठमा २२ पंक्ति अने छेल्ला सातमा पृष्ठमा १९ ॥ पंक्तिओ मुजबनुं लखाण जोवा मळे छे. आ सामग्रीमां प्रथम आवे छे गूढार्थना दोहा. जेमां प्रथम दोहो लखीने बे ऊभा दण्ड करी वच्चे अनो अर्थ लखायो छे, फरी बे ऊभा दण्ड करी बीजो दोहो ओम कूल बेतालीस गूढार्थ दोहा लख्या पछी सात विशिष्ट प्रकारना दोहाओ अपाया छे. जेमां बे पंक्तिमांना त्रण पदोमां लक्षणो दर्शाव्यां होय अने चोथा पदमां ओने लागु पडतो अर्थ दर्शावीने पूछायुं होय - कहो सखी सज्यन ?Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20