Book Title: Dvadashar Naychakra ka Darshanik Adhyayana
Author(s): Jitendra B Shah
Publisher: Shrutratnakar Ahmedabad

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Page 216
________________ सन्दर्भग्रन्थसूची १९९ आचारांगसूत्र : संपा० मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर' श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्याबर (राजस्थान), १९९०. ९. १०. आत्ममीमांसा : पं० दलसुखभाई मालवणिया, श्री जैन संस्कृति संशोधन मण्डल, बनारस - ५, १९५३. ११. आप्तमीमांसा दीपिका : प्रो० उदयचन्द्र जैन, गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान प्रकाशन, वाराणसी, वीर नि० सं० २५०१. १२. आत्मानन्द प्रकाश : श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, संवत् २००४. १३. आर्हत्दर्शन दीपिका : संपा० हीरालाल, श्री यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भावनगर, वीर संवत् २४५८. १४. आवश्यक निर्युक्तिः : संपा० श्री विजयामृतसूरीश्वर श्रीहर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, शांतिपुरी, सौराष्ट्र, १९८९. १५. ईश्वर सम्बन्धी विचार और विश्व संस्कृति : कुमारी कंचनलता सब्बरवाल, हरिकृष्ण प्रेमी, अर्चना - मन्दिर, हस्पताल रोड, लाहौर, १९४६. १६. उत्तराध्ययन सूत्र : संपा० पुण्यविजय मुनिः महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, ८०० ०३६, प्रथमवृत्ति, १९७७. १७. उत्पादादिसिद्धि : श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था, कणपीठ बाजार, सूरत, १९३६. १८. उपनिषत्सङ्ग्रहः : संपा०- पण्डित जगदीश शास्त्री, मोतीलाल बनारसीदास, हिली, प्रथम संस्करण, १९७०. १९. उपासकदशांग : संपा : मुनि मिश्रीमल महाराज 'मधुकर' श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, ( राजस्थान), १९८० . २०. ऋक् सूक्त संग्रह : हिन्दी व्याख्या- प्रो० हरिदत्त शास्त्री, रतिराम शास्त्री, साहित्य भण्डार, सुभाष बाजार, मेरठ, प्रथम संस्करण, १९५६. Jain Education International For Private & Personal Use Only · www.jainelibrary.org

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