Book Title: Dvadashar Naychakra ka Darshanik Adhyayana
Author(s): Jitendra B Shah
Publisher: Shrutratnakar Ahmedabad

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Page 218
________________ सन्दर्भग्रन्थसूची २०१ ३२. जैन साहित्य और इतिहास : नाथूराम प्रेमी, संशोधित साहित्य माला, ठाकुरद्वार, बम्बई-२, द्वितीय, १९५६. ३३. जैन साहित्य और इतिहास पर विशद : जुगलकिशोर मुख्तार, श्री वीर शासन-संघ प्रकाश कलकत्ता, प्रथम, १९५५. ३४. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास-१ : पं० बेचरदास दोशी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी-५, द्वितीय, १९८९. ३५. ज्ञानबिन्दु : उपाध्याय यशोविजयजी गणिवर, अंधेरी गुजराती जैन संघ, मुंबई-५६, प्रथम, वि० स० २०४३. ३६. ठाणंगसुत्तं- समवायंगसुत्तं च : संपा० जम्बूविजय, श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई- ३६, प्रथम १९८५. ३७. तत्त्वार्थवार्तिक : संपा० डॉ० महेन्द्रकुमार जैन, न्यायाचार्य भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५७. ३८. तत्त्वार्थसूत्र : वि० फूलचन्द्र शास्त्री, श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन (शोध) संस्थान, वाराणसी, द्वितीय, १९९१. ३९. तत्त्वार्थाधिगम् सूत्रम् : संशोधक- रसिकदास हीरालाल, देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार समिति, बम्बई, १९२६. । ४०. द्वादशारं नयचक्रम्, १-२-३ : संपा० मुनि जम्बूविजय, श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, १९६६. ४१. द्वादशारं नयचक्रम् : संपा० आचार्य श्रीमद् विजयलब्धिसूरि, श्री लब्धिसूरीश्वर जैन ग्रन्थमाला, छाणी, बड़ोदरा, प्रथम, विक्रम सं. २०१६. ४२. दीर्घनिकाय : भिक्खू जगदीश कश्यप, बिहार राजकीय पाली प्रकाशन मण्डल, (बिहार). १९५८. Jain Education International on International For Private & Personal Use Only For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org www.jainelibrary.o

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