Book Title: Dravyasangraha
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 98
________________ सम्मत्त सम्मइंसण सरूव साद साहु सिरसा सुद/सुत्त 38 साधु सम्यक्त्व अकारान्त नपुं. 41 सम्यग्दर्शन अकारान्त नपुं. स्वरूप अकारान्त नपुं. साता वेदनीय अकारान्त नपुं. उकारान्त पु. 54,55 सिर से अकारान्त नपुं. 1 अनि श्रुत अकारान्त नपुं. 57,58 इकारान्त स्त्री. 5 शुद्धनय अकारान्त पु. 6, 8, 13 शुद्धभाव अकारान्त पु. 8 अकारान्त नपुं. 9, 50 कारण उकारान्त पु. 34, 47 सुदि श्रुति सुद्धणय सुद्धभाव सुख हेद/हेउ अनियमित संज्ञा सदि विद्यमान होने पर 34, 47 द्रव्यसंग्रह Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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