Book Title: Dravyasangraha
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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2. उग्गाहा छंद
___उग्गाहा छंद के प्रथम और तृतीय पाद में 12 मात्राएँ, तथा द्वितीय व चतुर्थ पाद में 18 मात्राएँ होती हैं। उदाहरण
।। । । । ऽ ऽ ।ऽऽ । ऽ । ऽ ऽऽ अणुगुरुदेहपमाणो उवसंहारप्पसप्पदो चेदा। ।।।। ऽ ॥ऽ ऽ ऽ ॥।।ऽ । ऽ । ऽ ऽ ऽ असमुहदो ववहारा णिच्छयणयदो असंखदेसो वा।।
वर्णिक छंद 1. स्वागता छंद
स्वागता छंद के प्रत्येक चरण में 11 वर्ण होते हैं। क्रमशः रगण (ऽ । ऽ), नगण (।।।), भगण (।।) और अंत में दो गुरु (ऽ ऽ)।
उदाहरण
रगण नगण भगण ग ग रगण नगण भगण ग ग ऽ।ऽ।।। ऽ ।। 55 ऽ।ऽ ।। ७ ।। ऽ ऽ दव्वसंगहमिणं मुणिणाहा दोससंचयचुदा सुदपुण्णा। 1 234 5 67 891011 123 45 67 891011 रगण नगण भगण ग ग रगण नगण भगण ग ग ऽ।ऽ ।।। ऽ । ऽ ऽ ऽ।ऽ ।। ।।ऽ ऽ सोधयंतु तणुसुत्तधरेणं णेमिचन्दमुणिणा भणियं जं।। 1 234 567891011 1 2 345 6 7 8910 11
द्रव्यसंग्रह
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