Book Title: Dravyalankara Swopagna Tika Author(s): Jambuvijay Publisher: Jambuvijay View full book textPage 5
________________ Jainācārya-Sri - Hemacandrasūri-mukhyasisyābhyām... 133 अत्र येषां पाठानाम् अस्माभिः समयाद्यभावाद् बौद्धग्रन्थानामतिविस्तृतत्वाच्च मूलस्थानानि न लब्धानि तानि यदि केनचिद् निर्देक्ष्यन्ते तदा वयं तेषामुपकारं स्मरिष्यामः । इत्यवेदयत आदरियाणा ( Via - विरमगाम ) गुजरातराज्यम् भारतवर्षम् India. 31-5-'79 न्यायबिन्दुः प्रमाणवार्तिकम् प्रमाण विनिश्चयः पूज्यपादाचार्यमहाराज श्रीमद्विजयसिद्धिरीश्वर पट्टालंकारपूज्यपादाचार्य महाराज श्रीमद्विजय मेघसूरीश्वर शिष्यपूज्यपाद गुरुदेवमुनिराज श्री भुवन विजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजयः । सम्बन्धपरीक्षा हेतु बिन्दु हेतु बिन्दुटीका संकेत स्पष्टीकरणम् धर्मोत्तरविरचितटीकया दुर्वेकमिश्रविरचितेन धर्मोत्तर प्रदीपेन च सहितः । Edited by पण्डित दलसुखभाई मालवणिया, published by K. P. Jayaswal Research Institute, PATNA, Bihar, 1955. आचार्य मनोरथनन्दिवृत्तियुतम्, Edited by स्वामी द्वारिकादास शास्त्री, Published by बौद्धभारती, वाराणसी, 1968. Peking Edition, published by Tibetan Tripitaka Research Institute, Japan. Volume 130, No. 5710 प्रमाणविनिश्चयटीका Peking Edition, Volume 136 - 137, No. 5727 Choni Edition. धर्मकीर्ति' हेतुबिन्दु Teil I, edited by Prof. Ernst Steinkellner (Öst. Ak. Phil - hist.) SB. 252/1 Wien, 1966. भट्टा विरचिता हेतुबिन्दुटीका दुर्वेक मिश्रविरचितेन आलोकेन सहिता, Edited by पण्डित सुखलालजी संघवी Gaekwad's Oriental Series, No. CXIII, Baroda. 1949.Page Navigation
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