Book Title: Dighnikayo Part 1 Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri View full book textPage 7
________________ ६२ ९४ पोक्खरसातिबुद्धुपसङ्कमनं ६२ पोक्खरसातिउपासकत्तपटिवेदना ९५ ६३ ४. सोणदण्डत्तं ९७ चम्पेय्यक ब्राह्मणगहपतिका इन्द्रियसंव सतिसम्प सन्तोसो नीवरणप्पानं पठमज्झानं दुतियज्ज्ञानं ततियज्झानं चतुत्थज्ज्ञानं विपस्सनाञाणं मनोमयद्धिञाणं ६३ ६५ ६५ ६६ ६७ ६७ ६८ ६९ सोणदण्डगुणकथा बुद्धगुणकथा सोणदण्डपरिवितक्को ब्राह्मणपञ्ञत्ति सी पञाकथा सोणदण्डउपासकत्तपटिवेदना कूटदन्तसुतं ७० खाणुमतकब्राह्मणगहपतिका इद्धिविधञाणं दिब्बसोतञाणं चेतोपरियञाणं पुब्बेनिवासानुस्सतिञाणं दिब्बचक्खाणं आसवक्खयञाणं अजातसत्तुउपासकत्तपटिवेदना ७० ७१ H कूटदन्तगुणकथा बुद्धगुणकथा ७२ महाविजितराजयञ्ञकथा ७३ ७४ चतुपरिक्खारं अट्ठ परिक्खारा ७६ चतुपरिक्खारं ३. अम्बत्तं पोक्खरसातिवत्थु ७६ तिस्सो विधा ७६ अम्बट्टमाणवो पठमइब्भवादो दुतियइब्भवादो ततियइब्भवादो दस आकारा ७९ सोळस आकारा ७९ निच्चदान अनुकुलय ८० कूटदन्तउपासकत्तपटिवेदना सोतापत्तिफलसच्छिकिरिया ८० दासिपुत्तवादो अम्बट्ठवंसकथा खत्तियसे भावो ८३ ६. महालिसुत्तं ८४ विज्जाचरणकथा चतुअपायमुखं ८६ ८८ ९० ९२ ब्राह्मणदूतवत्थु ओट्ठद्धलिच्छवीवत्थु एकंसभावितसमाधि चतुअरियफलं अरियअट्ठङ्गिकमग्गो पुब्बकइसिभावानुयोगो लक्खणादस्सनं Jain Education International 6 ५. For Private & Personal Use Only ९७ ९८ १०० १०३ १०५ १०८ ११० ११२ ११२ ११४ ११६ ११९ १२१ १२२ १२२ १२२ १२३ १२३ १२७ १३२ १३२ १३४ १३४ १३५ १३६ १३९ १३९ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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