Book Title: Dhyanyog Pratham aur Antim Mukti Author(s): Osho Rajnish Publisher: Rebel Publishing House Puna View full book textPage 7
________________ ध्यानयोग : प्रथम और अंतिम मुक्ति xiv भूमिका पाठकों के लिए सुझाव पहला खंड ध्यान के विषय में 2. ध्यान क्या है? 2. साक्षी है ध्यान की आत्मा 6. ध्यान की खिलावट 6. गहन मौन 7. संवेदनशीलता का विकास 7. प्रेम-ध्यान की सुवास 8. करुणा 8. अकारण सतत आनंद 8. प्रतिभा प्रत्युत्तर की क्षमता 9. एकाकीपन तुम्हारा स्वभाव है 10. तुम्हारा सच्चा स्वरूप दूसरा खंड ध्यान का विज्ञान 12. विधियां और ध्यान 12. विधियां सहयोगी हैं 13. प्रयास से शुरू करो 13. ये विधियां सरल हैं 14. पहले विधि को समझ लो 15. सम्यक विधि का बोध 15. कब विधि को छोड़ना 16. कल्पना तुम्हारे लिए कार्य कर सकती है 18. साधकों के लिए प्रारंभिक सुझाव 18. ध्यान का समय 18. उपयुक्त स्थान 19. सुखपूर्वक होओ 19. रेचन से प्रारंभ करोPage Navigation
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