Book Title: Dhaturatnakar Part 5
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi
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धातुरत्नाकर पञ्चम भाग सूत्रयामा- हे, साते, सिरे। सिषे, साथे, सिध्वे। हे, सिवहे, | ३ पार्-यताम्, येताम्, यन्ताम्, यस्व। येथाम्, यध्वम्। यै, सिमहे ।।
यावहै, यामहै।। ७ सूत्रयिषी, सूत्रिषी -ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, | ४ अपार्-यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, यध्वम्। ये, ढ्वम्/ध्वम्। य, वहि, महि।।
यावहि, यामहि।। ८ सत्रयिता. सत्रिता -'', रौ, रः। से, साथे, ध्वे। हे, स्वहे, | अपारि (अपारयि, अपारि)-षाताम. षत। ष्ठाः षाथाम. स्महे ।।
ड्वम्/दवम्/ ध्वम्। षि, ष्वहि, ष्महि ।। ९ सूत्रयिष्, (सूत्रिष्)-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये,
| ६ पारयाञ्च-क्रे, काते, क्रिरे। कृषे, क्राथे, कृढ्वे। क्रे, कृवहे, यावहे, यामहे ।।
कृमहे ।। १० असूत्रयिष्, असूत्रिष् -यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्,
पारयाम्बभू- वे, वाते, विरे। विषे, वाथे, विवे विध्वे। वे, यध्वम्। ये, यावहि, यामहि।।
विवहे, विमहे।। १९०१ मूत्रण (मूत्र) प्रस्रवणे।।
पारयामा-हे, साते, सिरे। सिषे, साथे, सिध्वे। हे, सिवहे,
सिमहे ।। १ मूत्र-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये, यावहे, यामहे। | २ मूत्र्ये-त, याताम्, रन्। था:, याथाम्, ध्वम्। य, वहि, महि। |
| ७ पारयिषी (पारिषी) -ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम, ३ मूत्र्-यताम्, येताम्, यन्ताम्, यस्व। येथाम्, यध्वम्। यै, |
वम्/ध्वम्। य, वहि, महि।।
८ पारयिता, पारिता -'', रौ, रः। से, साथे, ध्वे। हे, स्वहे, यावहै, यामहै।।
स्महे ।। ४ अमूत्र-यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, यध्वम्। ये, यावहि, यामहि ।।
९ पारयिष्, (पारिष्)-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे यध्वे। ये,
यावहे, यामहे ।। ५ अमूत्रि (अमूत्रयि, अमूत्रि)-षाताम्, षत। ष्ठाः, षाथाम्, ड्ढ्व म्/वम्/ ध्वम्। षि, ष्वहि, ष्महि ।।
१० अपारयिष्, अपारिष् -यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्,
यध्वम्। ये, यावहि, यामहि ।। ६ मूत्रयाञ्च-क्रे, क्राते, क्रिरे। कृषे, क्राथे, कृढ्वे। क्रे, कृवहे, कृमहे ।।
१९०३ तीरण (तीर्) कर्मसमाप्तौ।। मूत्रयाम्बभू- वे, वाते, विरे। विषे, वाथे, विवे/विध्वे। वे,
१ तीर्-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये, यावहे, यामहे। विवहे, विमहे।।
२ तीर्ये-त, याताम्, रन्। थाः, याथाम्, ध्वम्। य, वहि, महि। मूत्रयामा- हे, साते, सिरे। सिषे, साथे, सिध्वे। हे, सिवहे,
| ३ तीर्-यताम्, येताम्, यन्ताम्, यस्व। येथाम्, यध्वम्। यै, सिमहे ।।
यावहै, यामहै।। ७ मूत्रयिषी, मूत्रिषी -ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम्, | ४ अतीर्-यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, यध्वम्। ये, वम्/ध्वम्। य, वहि, महि।।
यावहि, यामहि।। ८ मूत्रयिता, मूत्रिता -", रौ, रः। से, साथे, ध्वे। हे, स्वहे, ५ अतीरि (अतीरयि, अतीरि)-षाताम्, षत। ष्ठाः, षाथाम्, स्महे ।।
ड्ढ्वम्/वम्/ ध्वम्। षि, ष्वहि, ष्महि ।। ९ मूत्रयिष्, (मूत्रिष्)-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये, | ६ तीरयाञ्च-क्रे, काते, क्रिरे। कृषे, क्राथे, कृट्वे। क्रे, कृवहे, यावहे, यामहे ।।
कृमहे ।। १० अमूत्रयिष्, अमूत्रिष् -यत, येताम्, यन्त। यथाः, येथाम्, तीरयाम्बभू- वे, वाते, विरे। विषे, वाथे, विवे/विध्वे। वे, यध्वम्। ये, यावहि, यामहि।।
विवहे, विमहे ।। १९०२ पारण (पार्) कर्मसमाप्तौ।।
तीरयामा- हे, साते, सिरे। सिषे, साथे, सिध्वे। हे, सिवहे,
सिमहे।। १ पार्-यते, येते, यन्ते। यसे, येथे, यध्वे। ये, यावहे, यामहे। | ७ तीरयिषी (तीरिषी) -ष्ट, यास्ताम्, रन्। ष्ठाः, यास्थाम, २ पार्ये-त, याताम्, रन्। थाः, याथाम, ध्वम्। य, वहि, महि।
दवम्/ध्वम्। य, वहि, महि।।
महा
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