Book Title: Dharmna Darwajane Jovani Disha Athva Tattvatattva Vichar
Author(s): Amarmuni
Publisher: Amarvijay Jain Pathshala

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Page 7
________________ तो ते नाम जैन छे, अन हुँ तो वीतरागनी नोंध ए नामथी औलखाव वधारे पसंद करुं छं. हवे आ लखथी विचार करवाना ए छे के, ज्यारे जननी के वीतरागनी नोंध करीने बताववी छे तेमां, वाडीलाल शाहने ग्रंथोनुं के सिद्धांतनुं नाम आपतां कोनी चोरी हती अने वाचकने नामथी कहोवाट थवा, पण शुं प्रयोजन हतुं ? केमके पुस्तकनुं नाम, सम्यरक, अथवा धर्मनो दरवाजो राखेखें छे. । अने पृष्ट. १३ ना अंतमा शाह. वाडीलाल पण लखे छ के, धर्मरूपी मेहलमा प्रवेश करवा माटे. प्रथम सम्यत्कनो दरवाजो खोलवो जोइए, ए दरवाजेथीज महेलमा प्रवेश थाय छे, आ वात कोण कबुल नहीं राखे । । हवे आ लेख उपरथी पण विचार करो के, जे जैनधर्मरूपी मेहलमा प्रवेश करवा माटे सम्यकरूपी दरवाजा खोलवाने तत्पर थर्बु छे, ते काइ जेवी तेवी वात नथी, केमके प्रथम दरवाजानीज खबर न पडे तो पछी महेलमां ते प्रवेश शी रीते थइ शके ! वास्ते सूत्रनुं के ग्रंथy नाम अवश्य बतावकुंज जोइतुं हतुं. । केमके ठाम ठेका' जाण्या विना सम्यकना लाभने माटे पाठकवर्गने कइ दिशामां फांफां मारवां. ____ अने जे जैन नाम आप्युं छे, तमां पण विचार करवा जेवू छ. । कमके जैनमा श्वेतांबर, अने दिगंबर. आ वे संप्रदाय घणा वखतथी जूदा पडेलाछे. । अने ढूंढीया, तेमज तेरा पंथी, जे छे तेतो मूल विनानी एक डालरूपे छे. । वास्ते सम्यक्तरूपी धर्मनो दरवाजो जोवाने, सूत्र अथवा महापुरुषोना ग्रंथरूपी दिशानुं अवलोकन जरुर थर्बुज जोइतुं हतुं? - अगर तमो दिगंबरने कबूल न राखतां श्वेतांबरने कबूल राखता हशो तो ते मूर्तिपूजकोज छे ! अगर तमो जोरा जोरी कदी एम कहेवा मागशो के सनातन श्वेतांतरतो अमोज छीये ? तापण अमो, Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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