Book Title: Dhamil Charitra Bhashantar Part 01 Author(s): Shravak Hiralal Hansraj Publisher: Shravak Hiralal Hansraj View full book textPage 3
________________ धम्मि- ये // 1 // यस्यां हिसेवया स्थैर्य-मपि सत्वगत्वरी // जेजतुः श्रीः कुरंगश्च / स श्रीशांतिजिनो मु. माई दे // 2 // जलजीवोऽप्यचखो / मांगल्यमधुरध्वनिः // यस्यां इसेवापुण्येन / तं श्रीनेमिनमानुमः | // 3 // पार्थो जयति यो दीपा-नुच्चैः फणिमणिबलात् // तेने तमोभृते लोके / सतां मुक्तौ यि. यासतां // 4 // नारीदयोदर स्थित्यो-खातारोपितशालिवत् / योऽदतश्री क्रमाजातः / श्रिये स हि ( एवा हेतुथी) जेणे बळदने पोतानी पासे राखेलो ने एवा श्रीमान् ऋषनदेवप्रभु (अमारा ) कल्याणमाटे (थान)॥१॥ जेना चरणनी सेवाथी चपळगतिवाळा एवा पण लक्ष्मी अने ह. रिण स्थिरपणुं पाम्याने ते श्रीशांतिनाथपनु हर्षनेमाटे (थार्ज ) // // जेना चरणनी सेवाना पुण्यथी जलजंतु एवो शंख पण मंगलिक मधुरध्वनिवाळो थयो, ते श्रीनेमिनाथप्रजुनीअमो स्तुति करीये गये. // 3 // मोदमां जवानी बावान संतपुरुषोने माटे अंधकारथी नरेला जगतमां सर्पना मणियोना मिषथी जेणे दीपको नंचे धरी राखेला ने ते श्रीपार्श्वनाथप्रभु जय पामे. // // 4 // बे स्त्रीनेनी कुदिमां रहेवायी लखेमीने फरीथी वावेला शालिनी पेठे जे अनुक्रमे अ. तदानी शोनावान (सिक) थया ते श्री महावीरप्रतु लक्ष्मीमाटे (थान)॥५॥ जेम बळद | Jun Gun Aradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.Page Navigation
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