Book Title: Devvandanbhashyam
Author(s): Devendrasuri, Dharmkirtisuri
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

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Page 10
________________ Shri Mein Aradhana Kendra श्रीदे० चैत्य० श्री - धर्म० संघाचारविधौ ॥ ७ ॥ नरनार्यवस्थानदिशे श्रीदत्ताकथा अवग्रहत्रिकम् (गाथा २२ ) अमिततेजःकथा चैत्यवंदन भेदाः (गाथा २३) दंडक पंचकम् प्रणिपातस्वरूपम् सुरेन्द्रदत्तकथा नमस्कारसंख्या ( गाथा २५ ) www.kobatirth.org रत्नसारकथा वन्दनाविषये मतभेदः (गाथा २४) १९४ स्कन्दककथा १९६ विक्रमसेनकथा १९७चिलातीपुत्रकथा १५९ कुणालकथा २०८ | मरीचिकथा ३०४ १६१ पंचपरमेष्ठ्यक्षरादिसंख्या (गा. ३०) २०९ चैत्यस्तवपदसंख्यादि (३७:३८) ३१२ १६६ बंधुदत्तकथा २१९ | भानुष्ठिकथा ३१५ १६७ | प्रणिपाताक्षरादि २४३ नामस्तवादिसंपदा ( गाथा ३९) ३२० २४५ अशकटापिताकथा १७६ सोमशूरकथा ३२९ ३३३ ३३५ १८२ | ईर्यापथिक्यावर्णादि (गा. ३१-३२) २४८ महावीरनामकरणं १८४ | अभ्युपगमादयः (गाथा ३३) २४९ | घनश्रेष्ठिकथा २५० श्रीगौतमकथा २७२ दर्दुङ्ककथा ३३८ ३४२ ३४४ विजयकुमरकथा इति द्वितीय प्रस्तावः मंगलाद्यक्षरादिसंख्या (गाथा २६ तः २९) ( गाथा ४० ) २०१ शक्रस्तवपदसंख्या ( गाथा ३४-३५) २८४ २०२ शक्रस्तववर्णसंपत्पदसंख्या (३६) २८४ कुणालकथा २८७ | दंडकपंचकम् गुणसागरकथा २९१ अश्वावबोधकथा गणधरवादः २७९ | प्रणिधानवर्णादि (गुरुवर्णाश्च) For Private And Personal Acharya Shri Kailasuri Gyanmandir ३४७ ३५० ३५१ लध्वनुक्रमः || 6 ||

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