Book Title: Deepratnasagars Ssaahity Yaatraa Of 585 Publications 2017
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 21
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स मा निम्मरमा આગમવિષય-દર્શત मति Folder - 13 मासम-विषय-६शन/मनुभPrint+Net कुल किताबें -2 भाषा- गुजराती कुल पृष्ठ 726 | इस तेरहवे फोल्डर में हमारा छोटा सा लेकिन महत्त्वपूर्ण प्रकाशन है, इस में 2 किताबें है, 'आगम-विषय-दर्शन' जो Printed है, और 'आगम-विषय-अनुक्रम' जो Net पर पब्लिश की गई है । दोनों किताबो में विषयवस्तु एक-समान है, फर्क ये है की 'आगम विषय दर्शन' A-5 अर्थात् 8.75 x 5.75 की साईझ में मुद्रित करवाई है और आगम विषय अनुक्रम A-4 साईझ में, मल्टीकलर में नई कम्पोझ की हुई है इस कृति में मैंने 45 आगमो की विषद् रूप से अनुक्रमणिका बनाई है, इसमें प्रत्येक आगम के प्रत्येक सूत्र या गाथा के विषयो को उसी आगमो के सूत्र-क्रमांकन अनुसार सुस्पष्ट और पृथक्-पृथक् रूप से दिया है, जिस से कोई भी अभ्यासक अपने मनपसंद या आवश्यक अथवा अपने संशोधन या लेखन के अनुरूप विषय को सरलता से पसंद कर शकता है| 'आगम-विषय-दर्शन' के आरभ में मैंने मूलआगम, गुजराती अनुवाद और आगम सटीक के पृष्ठांक भी दे दिए है, जिस से अभ्यासको को अपने इच्छित विषय खोजने में विषय अनुक्रम के साथ पृष्ठ भी मिल जाएगा | । यहाँ प्रस्तुत विषय-अनुक्रम की भाषा भले ही गुजराती है, मगर आप इस पुस्तक की मदद से हमारे गुजराती, हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत या इंग्लिश अर्थात् हमारे मूल एवं टीका स्वरूप ४५-आगमो के सभी प्रकार के आगम प्रकाशनों में प्रवेश करके आप अपने मनपसंद विषय ढुंढ शकते है और आप के आवश्यक विषय की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । क्यों कि मेरे सभी प्रकाशनों में मैंने एकसमान सूत्र-क्रमांकन किया है | - मुनि दीपरत्नसागर Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages] Mobile: +91-9825967397 Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com परत्नसागर की 585..... |.....साहित्य कृतियो का परिचय |

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